कोरोना के बाद से दो शब्दों ने सभी की जिंदगी में एक खास जगह बना ली है वह शब्द हैं ऑर्गेनिक प्रोडक्ट और इम्यूनिटी. कीवी फल इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है और अब अरूणाचल प्रदेश ने इसके लिए ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट हासिल कर लिया है. सर्टिफिकेट के बिना ऑर्गेनिक किसी भी प्रोडक्ट का कोई भी मतलब नहीं है. इसलिए अरुणाचल के लिए इसका ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट बहुत खास है. यहां कीवी की खेती होती है. भारत में कीवी की खेती व्यापारिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. कीवी का फल अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए जाना जाता है. इसकी काफी डिमांड होती है.
कीवी एक विदेशी फल है. देश में कीवी की सप्लाई कहां से होती है, इसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होगी. इसकी जानकारी इसलिए भी कम है क्योंकि यह जिस राज्य में उगाई जाती है, उसका नाम बाकी राज्यों की तरह मशहूर नहीं है. यह राज्य है अरुणाचल प्रदेश. अरुणाचल प्रदेश आज की तारीख में ऑरगेनिक कीवी उगाने में अग्रणी है और इसकी मांग देश-विदेश सब जगह है. अरुणाचल प्रदेश के कीवी को ऑरगेनिक सर्टिफिकेट मिला हुआ है.
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अरुणाचल के कीवी को मिशन ऑरगेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट फॉर नॉर्थ ईस्ट रीजन (एमओवीसीडी-एनईआर) के तहत सर्टिफिकेशन दिया गया है. ऐसा सर्टिफिकेशन पाने वाला अरुणाचल प्रदेश देश का इकलौता राज्य है. अरुणाचल प्रदेश की जीरो वैली कीवी उगाने के लिए मशहूर है. यहां के लोअर सुबनसिरी जिले के किसानों ने कीवी उत्पादन में बड़ी भूमिका निभाई है.
#ArunachalPradesh claims the title of India's leading #kiwi producer, cultivating a thriving food processing industry that contributes to agricultural growth & regional prosperity.🥝🌾
— Invest India (@investindia) October 31, 2023
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कीवी उत्पादन के मामले में अरुणाचल प्रदेश, देश के अन्य सभी राज्यों से आगे है. यहां की मिट्टी और जलवायु कीवी उत्पादन के लिए काफी बेहतर हैं. इस वजह से सबसे अधिक कीवी की खेती अरुणाचल में की जाती है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाले कीवी में अरुणाचल प्रदेश अकेले 44.71 फीसदी का उत्पादन करता है.
किसी कृषि उत्पाद को ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन देने के लिए यह तय करना होता है कि उसमें किसी केमिकल का प्रयोग नहीं हुआ है. इसकी खेती में कीटनाशक का भी इस्तेमाल नहीं होता. इसके लिए एग्रिकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से परीक्षण दिया जाता है और इसके बाद ही किसी उत्पाद को ऑरगेनिक का दर्जा दिया जाता है. सर्टिफिकेशन के बाद किसी उपज को अच्छी कीमत मिलती है. अरुणाचल में कीवी ने यहां अर्थव्यस्था की तस्वीर बदल दी है.
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