Arabic cultivate : अरबी की खेती कर किसान हुए मायूस, बाजार में नहीं मिल रहा उपज का सही मूल्य 

Arabic cultivate : अरबी की खेती कर किसान हुए मायूस, बाजार में नहीं मिल रहा उपज का सही मूल्य 

उत्तर प्रदेश का बाराबंकी जनपद राजधानी लखनऊ कब पड़ोसी जिला है. बाराबंकी में अकेला अरबी ,आम ,मेंथा की फसल बहुतायत होती है. किसानों के द्वारा बड़े पैमाने पर महादेवा इलाके के साथ-साथ सूरतगंज इलाके में भी अरबी की खेती की जा रही है. हर साल फायदा देने वाली अरबी की फसल इस साल किसानों को रुलाने लगी है

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Arabic cultivate : अरबी की खेती कर किसान हुए मायूस, बाजार में नहीं मिल रहा उपज का सही मूल्य अरबी की खुदाई

उत्तर प्रदेश का बाराबंकी जनपद राजधानी लखनऊ कब पड़ोसी जिला है. बाराबंकी में अकेला अरबी ,आम ,मेंथा की फसल बहुतायत होती है. किसानों के द्वारा बड़े पैमाने पर महादेवा इलाके के साथ-साथ सूरतगंज इलाके में भी अरबी की खेती की जा रही है. हर साल फायदा देने वाली अरबी की फसल इस साल किसानों को रुलाने लगी है. किसान अरबी के उत्पादन और बाजार भाव को लेकर काफी परेशान है. अरबी का इस साल का उत्पादन उत्पादन भी काफी कम हुआ है जिसके चलते किसानों की फसल लागत भी निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं दूसरी तरफ मंडियों में अरबी का भाव इन दिनों 10 से ₹15 प्रति किलो है जबकि पिछले साल किसानों को 20 से ₹25 प्रति किलो का भाव मिला था.

अरबी की खेती बनी घाटे का सौदा

अरबी की खेती को किसान फायदे का सौदा बताते हैं. कानपुर से सटे हुए इलाकों में बड़े पैमाने पर अरबी यानी घुइयाँ की खेती की जाती है. वहीं इन दिनों बाराबंकी में भी बड़े पैमाने पर किसानों के द्वारा अरबी की खेती की जा रही है. किसान दीनानाथ ने बताया कि उन्होंने 1 एकड़ में अरबी की खेती की थी लेकिन इस बार फसल का उत्पादन अच्छा नहीं रहा जिसके कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं इस बार अरबी का बाजार भाव भी ठीक नहीं है. बाजार में अरबी 10 से ₹15 किलो के भाव में ही बिक रही है. वही दूसरे किसान विजय वर्मा बताते हैं की घुइयाँ की दो किस्में होती हैं. देसी व हाइब्रिड घुईया का उत्पादन इस बार कम रहा है. वही बाजार भाव ने भी उनको मुश्किल में डाल दिया है. अरबी का उत्पादन प्रति बीघे 20 क्विंटल तक होती है. कम पानी और कम उर्वरक में अरबी की खेती काफी अच्छी होती है. 

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पोषक तत्वों का खजाना है अरबी

रवि को पोषक तत्व का खजाना माना गया है. अरबी में कार्बोहाइड्रेट ,प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाई जाती है. इसके अलावा इसमें आलू के मुकाबले स्टार की मात्रा भी अधिक होती है. इसके अलावा फाइबर ,पोटेशियम, विटामिन ए,  विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन भरपूर मात्रा में होती है. अरबी में एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है. वही इसके साथ पत्तियों में विटामिन ए, फास्फोरस ,कैल्शियम ,आयरन व बीटा कैरोटीन पाया जाता है. प्रति 100 ग्राम में 112 किलो कैलोरी ऊर्जा है. 26.6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट व 43 मिलीग्राम कैल्शियम और 591 मिलीग्राम पोटेशियम पाया जाता है.

 

कंद से लेकर पत्तियों भी है उपयोगी 

अरबी की खेती कि कई उन्नत किस्में मौजूद है. यह 170 से 180 दिनों में तैयार होने वाली फसल है. खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी सर्वाधिक उपयुक्त मानी जाती है. वही इसके लिए गर्म मौसम सर्वाधिक उपयुक्त रहता है. किसान अरवी के साथ-साथ पौधे की पत्तियों को भी बेचकर अतिरिक्त आय कमाते हैं. शंकर किस्म की अरबी की खेती से 1 हेक्टेयर में 180 से 200 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त हो जाती है.

 

 

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