शोप‍ियां में ओलावृष्टि से चौपट हुई सेब-चेरी की फसल, किसानों ने उठाई PMFBY लागू करने की मांग

शोप‍ियां में ओलावृष्टि से चौपट हुई सेब-चेरी की फसल, किसानों ने उठाई PMFBY लागू करने की मांग

Apple crop damage Kashmir: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में 2 जून को आई भारी ओलावृष्टि ने दर्जनों गांवों में सेब और चेरी की बागवानी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया. प्रारंभिक आकलन के अनुसार, 40 से 90 प्रतिशत तक की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों ने इस नुकसान पर चिंता जताई और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को लागू करने की मांग की है.

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शोप‍ियां में ओलावृष्टि से चौपट हुई सेब-चेरी की फसल, किसानों ने उठाई PMFBY लागू करने की मांगशोप‍ियां में सेब की फसल को पहुंचा भारी नुकसान (सांकेतिक तस्‍वीर)

जम्‍मू-कश्‍मीर में एक बड़ी आबादी का जीवन खेती-बागवानी पर निर्भर है. ऐसे में जब भी क्षेत्र में खराब मौसम के कारण फसलों का नुकसान होता है तो सीधे यहां के लोगों की जीविका पर असर पड़ता है, क्‍योंकि उनके पार आय का कोई अन्‍य जरिया नहीं है. हाल ही में यहां शोपियां में ऐसा मंजर देखने को मिला, जब दर्जनभर से ज्‍यादा गांवों में बागवानी फसलों- सेब और चेरी को भारी नुकसान पहुंचा. यह घटना 2 जून दोपहर ढाई के करीब की थी, जब भीषण ओलावृष्टि ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया और इससे किसानों को गहरी आर्थि‍क चोट पड़ी. अब यहां के किसान फसल बीमा योजना के लाभ  की मांग कर रहे हैं.

उसी शाम जब किसान अपने बागों में पहुंचे तो बर्बादी का मंजर देख उनके आंसू निकल आए. ‘बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर काफी प्रसारित हुए और लोगों ने किसानों के प्रति सहानुभूति जताई. वहीं, बागवानी विभाग ने भी नुकसान का आकलन कर मुआवजा देने की बात कही है.

इन गांवों में बर्बाद हुई फसल

शोपायां के हंडेव, डोबीपोरा, अलशिपोरा और वादीपोरा और द्राणी सहित घाटी के कई  गांवों में लगभग संगमरमर के आकार के ओले गिरने से सैकड़ो एकड़ में बागवनी फसलें बर्बाद हुईं. ये इलाके हाई क्‍वालिटी वाले सेब और चेरी के उत्पादन के लिए जाने जाते हैं.  किसानों ने बताया कि लगभग 15-20 मिनट तक चली ओलावृष्टि से सेब और अन्‍य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. 

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40-90 प्रतिशत हुआ नुकसान

बागवानी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक आकलन में 40 से 90 प्रतिशत नुकसान होने का अनुमान है. जिले के मुख्य बागवानी अधिकारी मुनीर अहमद ने बताया कि 14 गांवों में फसल प्रभावित हुई हैं. अभी नुकसान का आकलन किया जा रहा है. राजस्व और बागवानी विभाग भी नुकसान का आकलन कर रहा है.

1000-1500 रुपये मिलता है मुआवजा

क्षेत्र के किसानों ने नुकसान की भरपाई और प्राकृतिक आपदाओं से आजीविका की रक्षा के लिए फसल बीमा योजना की मांग कर रहे हैं. एक सेब किसान ने बताया कि वर्तमान में हमे सिर्फ 1000 से 1500 रुपये ही मुआवजा मिलता है, जिससे इनपुट लागत भी नहीं निकल पाती है.

भारतीय सेब किसान संघ (जम्मू और कश्मीर) के अध्यक्ष जहूर अहमद राथर ने कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में से एक किसानों के लिए व्यापक फसल बीमा योजना शुरू करना है. मालूम हो कि साल 2016 में शुरू हुई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कई राज्‍यों में खरीफ और रबी फसलों पर बीमा कवरेज देती है. लेकिन क्षेत्र में यह योजना लागू नहीं है. अब किसानों इसे लागू करने की मांग तेज कर दी है.

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