HD 3226: नॉर्थ जोन की सुपर-हाई यील्ड गेहूं वैरायटी, रतुआ-प्रूफ और 79.6 क्विंटल पैदावार क्षमता

HD 3226: नॉर्थ जोन की सुपर-हाई यील्ड गेहूं वैरायटी, रतुआ-प्रूफ और 79.6 क्विंटल पैदावार क्षमता

HD 3226 गेहूं किस्म उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों के लिए विकसित उच्च उत्पादक वैरायटी है, जो पीला, भूरा और काला रस्ट पूरी तरह रोकने के लिए जानी जाती है. इसका औसत उत्पादन 57.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और अधिकतम क्षमता 79.60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

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HD 3226: नॉर्थ जोन की सुपर-हाई यील्ड गेहूं वैरायटी, रतुआ-प्रूफ और 79.6 क्विंटल पैदावार क्षमतागेहूं की शानदार किस्म है एचडी 3326

गेहूं की किस्म HD 3226 को उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में व्यावसायिक खेती के लिए जारी किया गया है, जिसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर संभाग को छोड़कर), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी संभाग को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर के जम्मू और कठुआ जिले, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले और पांवटा घाटी और उत्तराखंड (तराई क्षेत्र) शामिल हैं. सिंचित, समय पर बुवाई की स्थिति में यह किस्म रिकॉर्डतोड़ उत्पादन देती है. रोगों से भी मुक्त है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता

  • पीले, भूरे और काले रतुआ के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी.
  • करनाल बंट, चूर्णिल फफूंद, लूज स्मट और फुट रॉट के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी.

उपज का रिकॉर्ड

  • HD 3226 की औसत उपज 57.5 क्विंटल/हेक्टेयर है जबकि अधिकतम उपज क्षमता 79.60 क्विंटल/हेक्टेयर है. इस लिहाज से गेहूं की यह किस्म किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय है. किसान इसकी खेती अधिक से अधिक करना चाहते हैं.

गेहूं किस्म की क्वालिटी

  • उच्च प्रोटीन सामग्री (औसतन 12.8%)
  • उच्च शुष्क और कम ग्लूटेन
  • अच्छे दाने की मौजूदगी, हाई सेडिमेंटेशन वैल्यू
  • औसत जिंक सामग्री 36.8 पीपीएम

एचडी 3226 का ग्लू-1 स्कोर (10) उत्तम है, जिसमें सबसे अधिक ब्रेड गुणवत्ता स्कोर (6.7) और ब्रेड लोफ वॉल्यूम है, जो अलग-अलग प्रोडक्ट के लिए इसकी बेस्ट खासियतों के बारे में बताता है.

कृषि पद्धति: सिंचित, समय पर बुवाई

  • बीज दर (किग्रा/हेक्टेयर): 100
  • बुवाई का समय: 05-25 नवंबर

उर्वरक मात्रा (किग्रा/हेक्टेयर) 

नाइट्रोजन: 150 (यूरिया @255 किग्रा/हेक्टेयर), फास्फोरस: 80 (डीएपी @175 किग्रा/हेक्टेयर) पोटाश: 60 (एमओपी @100 किग्रा/हेक्टेयर)

उर्वरक प्रयोग का समय

बुवाई के समय फास्फोरस और पोटाश की पूरी खुराक के साथ 1/3 नाइट्रोजन, बाकी नाइट्रोजन पहली और दूसरी सिंचाई के बाद समान रूप से डालें.

सिंचाई 

पहली सिंचाई बुवाई के 21 दिन बाद और जरूरत के अनुसार आगे की सिंचाई करें.

खरपतवार नियंत्रण 

बुवाई के 27-35 दिन बाद कुल 40 ग्राम/हेक्टेयर, बुवाई के 27-35 दिन बाद 400 ग्राम/हेक्टेयर.

उपज बढ़ाने की टिप्स 

अधिकतम उपज के लिए, इस किस्म की बुवाई अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में करनी चाहिए. उचित नाइट्रोजन प्रबंधन और दवा के रूप में दो छिड़काव - क्लोरमेक्वाट क्लोराइड (लिहोसिन) 0.2% + टेबुकोनाजोल (फोलिकर 430 एससी) 0.1% की मात्रा, पहली गांठ और ऊपरी पत्ती पर करें.

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