अगर आप बासमती धान की खेती करने जा रहे हैं तो आपको उन किस्मों को चुनना चाहिए जो अधिक पैदावार देती हैं. पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए जारी एक एडवाइजरी में ऐसी किस्मों के नाम सुझाए हैं. साथ ही यह भी कहा है कि बुवाई से पहले बीज उपचार करना न भूलें, ताकि बीमारियों का खतरा कम हो जाए. अगर आप पारंपरिक विधि से धान की खेती करना चाहते हैं तो आपको नर्सरी डालनी होगी और अगर आप सीधी बिजाई करना चाहते हैं तो आपको उस तरह की किस्मों का चयन करना होगा.
पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने बताया है कि अधिक उपज देने वाली किस्मों में पूसा बासमती 1985, पूसा बासमती 1979, पूसा बासमती 1692, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1886, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1637, पूसा 44, पूसा 1718, पूसा बासमती 1401, पूसा सुगंध 5, पूसा सुगंध 4 (पूसा 1121), पंत धान 4 और पंत धान 10 शामिल हैं. अगर सीधी बिजाई करनी है तो हर्बिसाइड टॉलरेंट पूसा बासमती-1979 और पूसा बासमती-1985 का चुनाव करना होगा.
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वैज्ञानिकों के अनुसार एक हैक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई करने के लिए 1000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में नर्सरी तैयार करना पर्याप्त होता है. नर्सरी के क्षेत्र को 1.25 से 1.5 मीटर चौड़ी तथा सुविधानुसार लंबी क्यारियों में बांटे. नर्सरी में बुवाई से पहले बीज उपचार करें. इसके लिए 5.0 किलोग्राम बीज के लिए बावस्टिन 10-12 ग्राम और 1 ग्राम स्ट्रैप्टोसाइक्लिन को 10 लीटर पानी में घोल लें.
आवश्यकतानुसार इस घोल को बनाकर इसमें 12-15 घंटे के लिए बीज को डाल दें. उसके बाद बीज को बाहर निकालकर किसी छायादार स्थान में 24-36 घंटे के लिए ढककर रखें और पानी का हल्का-हल्का छिड़काव करते रहें. बीज में अंकुर निकलने के बाद नर्सरी में उसकी बुवाई कर दें.
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अरहर की बुवाई इस समय कर सकते हैं. अच्छी पैदावार लेने के लिए पूसा अरहर-16, पूसा 2001, पूसा 2002, पूसा 991, पूसा 992, पारस तथा मानक का चयन कर सकते हैं. अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखना होगा. अगर बीज किसी प्रमाणित स्रोत से खरीद रहे हैं तो अच्छी पैदावार की उम्मीद कर सकते हैं. बुवाई से पहले बीज उपचार कर लें. इसके लिए राईजोबियम तथा फास्फोरस को घुलनशील बनाने वाले जीवाणुओं (पीएसबी) फफूंद के टीकों से उपचार करें. उपचार से उत्पादन में इजाफा होता है.
यह समय अगेती फूलगोभी, टमाटर, हरी मिर्च और बैंगन की नर्सरी बनाने के लिए सही है. किसान कीट अवरोधी नाईलोन की जाली का प्रयोग करें ताकि रोग फैलाने वाले कीटों से फसल को बचा सकें. पौधशाला को तेज धूप से बचाने के लिए 40 फीसदी छायादार नेट द्वारा 6.5 फीट की ऊंचाई पर ढक सकते हैं. बीजों को थीराम @ 2-2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से उपचार के बाद पौधशाला में बुवाई करें.
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