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तेलंगाना में ओलावृष्टि से 50000 एकड़ में लगी फसलें बर्बाद, सरकार 10000 रुपये प्रति एकड़ देगी मुआवजा

तेलंगाना में ओलावृष्टि से 50000 एकड़ में लगी फसलें बर्बाद, सरकार 10000 रुपये प्रति एकड़ देगी मुआवजा

चिंताजनक बात यह है कि राज्य में किसानों के पास कोई फसल बीमा कवर नहीं है, क्योंकि पूर्ववर्ती भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार ने तीन साल पहले पीएम फसल बीमा योजना को छोड़ दिया था. इससे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है.

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तेलंगाना में फसलें बर्बाद. (सांकेतिक फोटो) तेलंगाना में फसलें बर्बाद. (सांकेतिक फोटो)

तेलंगाना में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. कहा जा रहा है कि लगभग 50,000 एकड़ में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिसमें धान, मक्का, मिर्च और आम के बागान शामिल हैं. खास बात यह है कि वारंगल, कामारेड्डी, निज़ामाबाद, मेडक, संगारेड्डी, सिरसिला, करीमनगर और निर्मल जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में किसानों ने राज्य सरकार से खाद्यान्न फसलों और मक्के के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ और वाणिज्यिक फसलों के लिए 40,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा देने की मांग की है. 

द बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, चिंताजनक बात यह है कि राज्य में किसानों के पास कोई फसल बीमा कवर नहीं है, क्योंकि पूर्ववर्ती भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार ने तीन साल पहले पीएम फसल बीमा योजना को छोड़ दिया था. इससे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस सरकार ने आगामी खरीफ सीजन से केंद्रीय बीमा योजना में फिर से शामिल होने का निर्णय लिया है. वहीं, तेलंगाना रायथु संघम के महासचिव टी सागर ने कहा है कि सरकार को फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए टीमें भेजनी चाहिए और केंद्र को एक रिपोर्ट भेजनी चाहिए. 

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पर्यटन मंत्री ने खेतों का किया दौरा

उन्होंने कहा है कि सीजन के अंत में किसानों को भारी नुकसान हुआ. सरकार को तुरंत मुआवज़े की घोषणा करनी चाहिए, ताकि वे आगामी खरीफ सीजन के लिए तैयार हो सकें. वहीं, तेलंगाना के निषेध, उत्पाद शुल्क और पर्यटन मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने फसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए निजामाबाद और कामारेड्डी जिलों के कई गांवों का दौरा किया.

सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रति एकड़ 10,000 रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है. इस बीच, तेलंगाना के कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव ने अधिकारियों को फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने और सरकार को एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के साथ चर्चा करेंगे और किसानों को हरसंभव मदद मुहैया कराएंगे.

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जारी किए थे 150 करोड़ रुपये

इस बीच, विपक्षी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने आरोप लगाया कि भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण दो लाख एकड़ में लगी फसलें बर्बाद हो गईं. रायथु बंधु समिति के पूर्व अध्यक्ष पल्ला राजेश्वर रेड्डी ने तत्काल राहत उपाय नहीं करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि जब हम सरकार में थे, तो हमने पिछले साल फसल के नुकसान का त्वरित आकलन करने के बाद प्रति एकड़ 10,000 रुपये का मुआवजा दिया था. जबकि कृषि मंत्री ने झूठे दावे करने के लिए बीआरएस नेताओं की आलोचना की. उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार ने प्रति एकड़ 10,000 रुपये मुआवजे की घोषणा की थी, लेकिन केवल 150 करोड़ रुपये जारी किए.