सरकारी अनाज के भंडारण में 18 प्रतिशत बढ़ोतरी, गेहूं खरीद की मात्रा पर मई के आखिरी में हो सकता है फैसला

सरकारी अनाज के भंडारण में 18 प्रतिशत बढ़ोतरी, गेहूं खरीद की मात्रा पर मई के आखिरी में हो सकता है फैसला

भारतीय खाद्य निगम यानी FCI के पास मौजूद केंद्रीय पूल के चावल, गेहूं और धान का आधिकारिक भंडारण 1 फरवरी तक 83.78 मिलियन टन पाया गया. यानी की पिछले साल के मुकाबले 18 प्रतिशत की बढ़ाेतरी दर्ज की गई है.

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सरकारी अनाज के भंडारण में 18 प्रतिशत बढ़ोतरी, गेहूं खरीद की मात्रा पर मई के आखिरी में हो सकता है फैसलाचावल-गेहूं भंडारण का डेटा सामने आया.

देश में सरकारी अनाज के भंडारण को लेकर बड़ी और अच्‍छी खबर सामने आई है. भारतीय खाद्य निगम यानी FCI के पास मौजूद केंद्रीय पूल के चावल, गेहूं और धान का आधिकारिक भंडारण के ताजा आंकड़े सामने आए हैं, जहां 1 फरवरी तक इनका कुल स्‍टॉक 83.78 मिलियन टन पाया गया, जबकि‍ पिछले साल इसी समय 70.92 मिलियन टन स्‍टॉक था, जो 18 प्रतिशत की बढ़ाेतरी द‍िखाता है. ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार मई के आखिरी तक गेहूं खरीद की मात्रा पर फैसला ले सकती है.

लैटेस्‍ट डेटा के मुताबिक, FCI के पास 1 फरवरी को गेहूं का 16.17 मिलियन टन स्टॉक रिकॉर्ड किया गया, जो पिछले साल समान अवधि में 13.27 मिलियन टन था और 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाता है. चावल और धान के भंडारण में भी 17 प्रतिशत की बढ़ाेतरी देखी गई है. चावल और धान का स्‍टॉक 67.6 मीट्रिक टन दर्ज किया गया, जो पिछले साल 57.66 मीट्रिक टन था. इसमें धान की मात्रा 50.15 मीट्रिक टन है, जबकि‍ बचा हुआ मिल‍िंग के बाद निकला चावल है.

OMSS को लेकर नया नियम जारी

वहीं, भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) को लेकर नया नियम जारी करते हुए बताया है कि राज्य सरकारें और कॉरपोरेशन 2250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीद सकते हैं, लेकिन खरीद की मात्रा 12 लाख मीट्रिक टन से ज्‍यादा नहीं हो सकती. मालूम हो कि देश में महंगाई घटाने के लिए सरकार ओपन मार्केट में चावल और गेहूं बेचने का काम कर रही है. इसके लिए ही ओपन मार्केट सेल स्कीम चलाई गई है. इसमें नीलामी के जरिये गेहूं और चावलों की बिक्री की जाती है.

संकट आने पर नहीं होगी अनाज की कमी

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबि‍क, एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि पिछले कुछ समय से गेहूं का कुछ डिस्‍ट्रब्‍यूशन कम हो गया था और उसकी जगह चावल की समान मात्रा बांटी जा रही थी. इसकी संभावना हमेशा बनी रहती है, लेकिन मई के आखिरी तक स्थिति साफ हो जाएगी कि सरकार कितनी मात्रा में गेहूं खरीद सकेगी.

चावल के स्टॉक की स्थिति भी सरकार के लिए काफी राहत भरी बनी हुई है. एक्‍सर्प्‍ट का कहना है कि चावल-धान और गेहूं के स्‍टॉक की स्थिति सरकार के हिसाब के लिए काफी आरामदायक है, क्‍योंकि सरकार की ओर से गेहूं की उम्‍मीद से कम खरीद होने पर भी किसी संकट से निपटने में मदद मिलेगी.

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