दिल्ली में रोजाना 1200 टन आम की है सप्लाई, जानें मार्केट में कब आएगा UP का लंगड़ा, दशहरी और चौसा

दिल्ली में रोजाना 1200 टन आम की है सप्लाई, जानें मार्केट में कब आएगा UP का लंगड़ा, दशहरी और चौसा

अमेज़न फ्रेश इंडिया द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन (मई तक) में आम की सबसे ज्यादा बिकने वाली किस्में बैंगनपल्ली, अल्फांसो, सिंधुरा, तोतापुरी और केसर हैं. बैंगनपल्ली या सफेदा सबसे बहुमुखी किस्म है, जिसे पूरे भारत में पसंद किया जाता है. शहरों में, बेंगलुरु में सबसे ज्यादा आम (32 फीसदी) खरीदे गए हैं.

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दिल्ली में रोजाना 1200 टन आम की है सप्लाई, जानें मार्केट में कब आएगा UP का लंगड़ा, दशहरी और चौसादिल्ली की मंडी में आम की सप्लाई. (सांकेतिक फोटो)

देश की राजधानी दिल्ली में रोज 1200 टन आम की आवक होती है. कृषि विपणन बोर्ड के डेटा के मुताबिक, एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी आज़ादपुर में रोज़ाना लगभग 1200 टन आम की सप्लाई हो रही है. इस समय पश्चिमी और दक्षिणी भारत से आम बाज़ार में आ रहे हैं. हालांकि, उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध लंगड़ा, दशहरी और चौसा जैसी किस्में, जून के दूसरे हफ़्ते तक दिल्ली में आनी शुरू हो जाएंगी. व्यापारियों का कहना है कि दिल्लीवासी खुद खाने के लिए सबसे अधिक केसर और शेक बनाने के लिए सफेदा खरीद रहे हैं. वहीं गिफ्ट देने के लिए अल्फांसो लोगों की पहली पसंद बनी हुई है.

द टाइम्स ऑफि इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आजादपुर मंडी में आम के एक अनुभवी व्यापारी पवन गिडवानी ने कहा कि वे रोज लगभग 100-150 टन आम का सौदा करते हैं. सबसे ज़्यादा बिकने वाली पांच आम की किस्में हैं, जिसमें सफेदा नंबर वन है. उसके बाद हमाम, हापूस या अल्फांसो स्थान आता है. फिर सिंदूरा और तोतापुरी है. हालांकि, सफेदा का बाज़ार में सबसे बड़ा हिस्सा है, जो आंध्र प्रदेश से आता है. आज़ादपुर मंडी में आने वाले आम का 60 फीसदी हिस्सा दिल्ली एनसीआर के लोग खाते हैं. आज़ादपुर से आम पंजाब, जम्मू और कश्मीर और हरियाणा भी भेजे जाते हैं. 

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गिफ्ट में लोग दे रहे अल्फांसो

मार्केट के एक विक्रेता का कहना है कि मई में सबसे ज़्यादा अलफांसो की बिक्री हुई. पीतमपुरा में एक और फल विक्रेता सलीम ने कहा कि फल की दुकान पर सबसे ज़्यादा सफ़ेदा बिकता है. मैं आज़ादपुर मंडी से रोज़ाना करीब 40 किलो आम खरीदता हूं और औसतन 20 किलो आम बेचता हूं. आज़ादपुर मंडी में बिकने वाला हर आम तीन तरह के होते हैं, जो आम की कीमत तय करते हैं. आईएनए मार्केट में फल बेचने वाले नरेंद्र कहते हैं कि हमने देखा है कि अल्फांसो और केसर सबसे ज़्यादा बिकते हैं. अल्फांसो  ज़्यादातर तोहफ़े में देने या घर पर बड़े खाने के लिए होता है, जबकि रोज़ाना खाने के लिए ग्राहक आमतौर पर केसर, सफ़ेदा और हमाम खरीदते हैं.

मार्केट में फल बेचने वाले मान सिंह ने कहा कि केरल का हमाम, रत्नागिरी का अल्फांसो, आंध्र का बैगनपल्ली (सफेदा) सबसे ज़्यादा बिक रहा है. इसके बाद गुजराती दशहरी आम भी सबसे ज़्यादा बिक रहा है और जल्द ही यूपी के आम भी बाज़ार में आने वाले हैं. उन्होंने कहा कि हम रोज़ाना लगभग 70 किलो आम बेचते हैं.

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बेंगलुरु में सबसे ज्यादा आम की बिक्री

अमेज़न फ्रेश इंडिया द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन (मई तक) में आम की सबसे ज्यादा बिकने वाली किस्में बैंगनपल्ली, अल्फांसो, सिंधुरा, तोतापुरी और केसर हैं. बैंगनपल्ली या सफेदा सबसे बहुमुखी किस्म है, जिसे पूरे भारत में पसंद किया जाता है. शहरों में, बेंगलुरु में सबसे ज्यादा आम (32 फीसदी) खरीदे गए हैं. उसके बाद मुंबई (25 फीसदी) और दिल्ली (19 फीसदी) का स्थान है. पुणे और अहमदाबाद जैसे गैर-मेट्रो शहर भी जोरदार की बिक्री हो रही है.

 

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