राजस्थान के हनुमानगढ़ में गेहूं की ऑफलाइन खरीद की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों से पुलिस की झड़प हो गई. यहां लंबे समय से किसान गेहूं की ऑफलाइन खरीद की मांग कर रहे हैं. जबकि सरकार ने ऑनलाइन खरीद की प्रक्रिया शुरू की है. किसानों का कहना है कि ऑनलाइन प्रोसेस की वजह से गेहूं बेचने में समस्या आ रही है. इसे लेकर हनुमानगढ़ के व्यापारी, मजदूर और किसान एक होकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने लगे. बाद में मामला बिगड़ता देख पुलिस को आना पड़ा जिसमें दोनों पक्षों में झड़प की बात सामने आई है.
हनुमानगढ़ में किसान पिछले लंबे समय से गेहूं की ऑफलाइन खरीद की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर सरकार द्वारा ऑनलाइन खरीद करवाई जा रही है जिससे किसान, व्यापारी और मजदूर वर्ग परेशान है. उनका आरोप है कि ऑनलाइन खरीद में काफी समस्याएं हैं. जैसे कि गिरदावरी की रिपोर्ट निकलवाना, स्टांप पेपर देना, इंटरनेट संबंधी कई समस्याएं गेहूं बेचने और मुआवजा लेने में आ रही हैं.
देश की बाकी मंडियों की तरह हनुमानगढ़ मंडी में भी गेहूं की ढेर लगी है. किसान इस वजह से परेशान हैं कि अनाज का उठान नहीं हो रहा. इसके पीछे भी ऑनलाइन प्रोसेस को जिम्मेदार बताया जा रहा है. किसानों का कहना है कि ऑनलाइन खरीद की वजह से ही उठान में देरी हो रही है. इससे पार पाने के लिए किसान ऑफलाइन गेहूं खरीद की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार अपने नियम पर अड़ी हुई है कि खरीद ऑनलाइन ही होगी.
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हनुमानगढ़ मंडी में बुधवार को किसानों को कृषि उपज मंडी समिति के अधिकारी ने वार्ता के लिए बुलाया था. लेकिन इस दौरान पुलिस के साथ किसानों की जबरदस्त झड़प हो गई. किसानों का कहना है कि वे अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं, भले ही उन्हें कितनी भी लाठियां पड़ें. वहीं कृषि उपज मंडी के सेक्रेटरी का कहना है कि ऑनलाइन गेहूं खरीद के लिए लगातार रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं, लेकिन कुछ समस्या आ रही है. सेक्रेटरी ने कहा कि इसमें वे कुछ नहीं कर सकते क्योंकि यह सरकार का मामला है, इस समस्या को सरकार ही देखेगी.
मंडी में बैठे किसानों ने कहा कि ऑनलाइन खरीद के विरोध में पूरी मंडी को बंद रखा गया है. जब तक किसानों की मांगें नहीं मान ली जाएंगी तब तक खरीद शुरू नहीं की जाएगी. किसानों ने ऑनलाइन प्रक्रिया में टोकन सिस्टम पर सवाल उठाया क्योंकि इससे अनाज बेचने में बहुत असुविधा होती है. अनाज बिक्री के लिए स्टांप पेपर का नियम बनाया गया है, वह भी नवंबर का स्टांप पेपर चाहिए. किसानों की इससे परेशानी बढ़ गई है क्योंकि पुराना स्टांप पेपर उन्हें नहीं मिल रहा है जबकि ऑनलाइन प्रक्रिया में इसे देना जरूरी है. ऑफलाइन प्रक्रिया में इस तरह के स्टांप की जरूरत नहीं होती थी और किसान सादे कागज पर बिक्री का करारनामा बना लेता था.
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किसानों ने ऑफलाइन खरीद शुरू करने को लेकर देर तक नारेबाजी की. किसानों का जमावड़ा बढ़ता देख और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की तैनाती भी की गई थी. बाद में अपनी मांगों को लेकर किसान आंदोलन पर उतर आए. इसी में किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. हालांकि बाद में स्थिति सुधर गई, लेकिन किसान अब भी आंदोलन पर डटे हुए हैं. उनका कहना है कि जब तक ऑफलाइन खरीद शुरू नहीं होगी, तब तक मंडी शुरू की जाएगी.(गुलाम नबी की रिपोर्ट)
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