Pyaaz ka Daam : किसान ने ट्रॉली भर-भरकर नदी में फेंका प्याज, जानें क्यों करना पड़ा ऐसा काम ?

Pyaaz ka Daam : किसान ने ट्रॉली भर-भरकर नदी में फेंका प्याज, जानें क्यों करना पड़ा ऐसा काम ?

राजस्थान के अलवर जिले में किसानों को प्याज के सही दाम नहीं मिलने से नाराज होकर उन्होंने नदी में प्याज फेंक दी. कटाई और ढुलाई में लागत अधिक होने के बावजूद मंडी में कीमत बेहद कम है. किसानों ने सरकार से 10-12 रुपये किलो दर से खरीद की मांग की है, अन्यथा प्याज फेंकने की चेतावनी दी.

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Pyaaz ka Daam : किसान ने ट्रॉली भर-भरकर नदी में फेंका प्याज, जानें क्यों करना पड़ा ऐसा काम ?किसान ने दाम न मिलने पर फेंकी प्‍याज

राजस्‍थान के अलवर जिले के राजगढ़ उपखण्ड क्षेत्र के गांव चंदपुरा स्थित एक नदी में किसान द्वारा प्याज फेंकने का मामला सामने आया है. प्याज के दाम नही मिलने के कारण परेशान किसान ने प्याज मंडी में बेचने की जगह फेंक दी. जिले में तीसरी बार नदी में प्याज पटकने का मामला सामने आया है. अलवर मंडी में प्याज की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन किसानों को इस बार प्याज के सही दाम नहीं मिल रहे है. ऐसे में किसान परेशान है और नुकसान की मार झेल रहे हैं.

मंडी में 200 रुपये बोरी मिल रहा रेट

स्थानीय निवासी सुरेश चन्द और सचिन ने बताया कि चंदुपरा-पुनखर के मध्य नदी में प्याज के भाव नहीं मिलने के कारण किसान प्याज सड़क और नदी में फेंकने को मजबूर हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि प्याज की कटाई में 120 रुपये तक खर्चा आता है, जबकि 30 रुपये का कट्टा (बोरी) आ रही है.

यानी घर से निकलने से पहले ही प्‍याज पर 150 रुपये का खर्च बैठ रहा है. इसके बाद मंडी में 200 रुपये प्रत‍ि बोरी प्‍याज बिक रही है, जबक‍ि उस 150 रुपये में अभी ट्रांसपोर्ट का खर्च तो जुड़ा ही नहीं है और हालत यह है कि किसान को प्याज के दाम नहीं मिल रहे हैं. 

सरकार से प्‍याज खरीद शुरू करने की मांग

किसान ने सरकार से मांग की है कम से कम 10-12 रुपये किलो के भाव से प्याज की खरीदी हो, ताकि वे की कुछ लागत निकाल सके. किसान ने कहा कि अगर भाव नहीं बढ़े तो वे लोग प्याज फेंक देंगे. 

किसान फेंक गया 2 ट्रॉली प्‍याज

बीती रात को करीब 2 ट्रॉली प्याज कोई किसान फेंक गया है. किसान दर्द के आंसू रो रहा है और मरने को तैयार है. जबकि एक बीघा में करीब पचास हजार का खर्चा आता है, जिसकी लागत भी नहीं निकल रही है. किसान अपनी प्याज की उपज नदी में पटकने के लिए मजबूर हैं. किसानों की मजदूरी भी नहीं निकल रही है. 

लगातार हो रही प्‍याज फेंकने की घटनाएं

किसानों पर कर्जा बढ़ रहा है. किसान कर्ज लेकर फसल की बुवाई करता है. सरकार की ओर से कोई ध्यान नही दिया जा है, जबकि बीते 5 नवंबर और 28 अक्टूबर को भी कोई किसान प्याज पटक गया था, उससे पहले भी जिले में लगातार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. किसान अपनी खड़ी प्याज की फसल पर हल चला रहे हैं और प्याज को खराब कर रहे हैं.

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