हिंगोली जिले के कलमनूरी, वसमत, तहसील इलाके में मंगलवार को तेज आंधी के साथ ओलावृष्टि हुई. इससे तरबूज, आम समेत केले की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा नुकसान केले की फसल का हुआ है. अचानक आई तेज आंधी और बारिश से किसानों के खेतों में खड़ी केले की फसल जमींदोज हो गई. यह मंजर देखकर किसानों के आंसू निकल आए हैं. हाल के दिनों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से इस इलाके में बड़े पैमाने पर क्षति हुई है. केला के साथ प्याज की खेती को बहुत नुकसान झेलना पड़ा है. मंगलवार को हुई बारिश से भी यही हाल देखा जा रहा है.
हिंगोली में दोपहर बाद अचानक तेज हवा के साथ ओलावृष्टि हुई जिससे वड़गांव, गिरगांव, दांदेगांव, वारंगा,डोगरकड़ा, जवला पांचाल,समेत आस पास के इलाके बारिश और ओलावृष्टि सें सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. इसके कारण दर्जनों केला उत्पादक किसानों की फसल बर्बाद हो गई. दूर-दूर तक खेतों में केले के गिरे पौधे दिखाई दे रहे हैं. एक बार केला गिर जाए तो उसे दोबारा सही होने का मौका नहीं मिलता क्योंकि केले के पौधे का सड़ना शुरू हो जाता है. इसी चिंता में यहां के किसान बेहाल हो गए हैं.
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र: बारिश से हुए नुकसान के बाद 'अक्षय तृतीया' पर किसानों ने किया प्रदर्शन
वड़गाव के रहने वाले केला उत्पादक किसान संतोष मगर ने कहा कि करीब बीस मिनट तक तेज आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई जिसके बाद केले की फसलों से भरे खेत के खेत उजड़ गए. संतोष मगर ने अपने दो एकड़ खेत में केले की फसल लगाई थी. इस खेती के लिए लिए दो बुआई में अब तक एक लाख तक खर्च लगा था. किसान संतोष को आशा थी कि इस साल फसल अच्छी होने से आराम से पांच लाख रुपये की कमाई होगी. मगर अचानक आई आंधी और बारिश ने पूरी फसल को बर्बाद कर दिया है.
ये भी पढ़ें: Maharashtra: बेड़ियों में खुद को जकड़े हुए किसान पति-पत्नी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
वहीं तरबूज, ज्वार, आम, नींबू, हल्दी समेत अन्य फसलों का भी यही हाल हुआ है. इस साल जिले में 35 हजार हेक्टेयर में किसानों ने हल्दी की फसल लगाई थी. इन दिनों किसान खेत में हल्दी की हार्वेस्टिंग और हल्दी सुखाने की प्रकिया में जुटे हैं. मगर अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण कई किसानों के खेत में हल्दी की फसल भीग गई है. इससे किसानों का काफ़ी नुकसान हुआ है.
वहीं इस साल 1600 हेक्टेयर में किसानों ने केले की फसल लगाई थी.अर्धापुर के साथ हिंगोली के केलों की देश और विदेशों में बड़ी मांग होती है. इसीलिए यहां के किसान केले की खेती करने लगे हैं. पिछले साल बारिश के कारण केले की फसल बर्बाद हुई थी. मगर इस साल पिछले साल की तुलना में फसल अच्छी आई थी. यही वजह है कि इससे किसानों को राहत मिली थी. किसानों को यह आस थी कि इस साल केले की फसल दगा नहीं देगी. मगर अचानक कुदरत का ऐसा कहर टूट पड़ा कि कुछ वक्त पहले खेत में खड़ी फसल पूरी बर्बाद हो गई है. अब किसान सरकार से पंचनामा करके मदद देने की गुहार लगा रहे हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today