लॉन्च होने के बाद लगातार बढ़ रही गेहूं की नई किस्म HI 1665 की मांग, पढ़ें इसकी खासियत

लॉन्च होने के बाद लगातार बढ़ रही गेहूं की नई किस्म HI 1665 की मांग, पढ़ें इसकी खासियत

गेहूं की नई किस्म एचआई 1655 को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र इंदौर ने तैयार किया है. गेहूं की इस खास किस्म को शरबती गेहूं की लोकप्रिय किस्में एचआई 1531 (हर्षिता) और एचआई 1544 (पूर्णा) को क्रॉस करके तैयार किया गया है. इस नई किस्म में कई खासियतें हैं जो किसानों को फायदा पहुंचाएंगी.

Advertisement
लॉन्च होने के बाद लगातार बढ़ रही गेहूं की नई किस्म HI 1665 की मांग, पढ़ें इसकी खासियतगेहूं की नई किस्म (सांकेतिक तस्वीर)

देश में गेहूं का उत्पादन बढ़ाने पर खासा जोर दिया जा रहा है क्योंकि इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. दूसरी ओर अत्यधिक गर्मी और मौसम की मार का असर इसकी खेती पर पड़ रहा है. इसके कारण पैदावार में कमी आ रही है. हालांकि गेहूं को लेकर लगातार शोध किए जा रहे हैं और इसकी नई किस्म विकसित की जा रही है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR), नई दिल्ली में फसलों की 109 नई किस्में जारी की थीं. इसमें गेहूं की नई किस्म एचआई 1665 भी शामिल थी. इसके अलावा पीएम मोदी ने गेहूं की एक और किस्म एचआई 8840 को भी लॉन्च किया था. गेहूं की इन दोनों की किस्मों को आईसीएआर इंदौर ने तैयार किया है.

लॉन्च होने के बाद इन दोनों किस्मों की मांग में काफी तेजी आई है. सबसे अधिक मांग एचआई 1655 की हो रही है. इन दोनों ही किस्मों के लॉन्च होने के पहले एचआई 1650 की मांग बाजार में सबसे अधिक थी. लेकिन अभी एचआई 1655 की मांग में तेजी देखी जा रही है. इस खबर में हम आपको बताएं कि गेहूं के इस किस्म की खासियत क्या है जिसे लोग पंसद कर रहे हैं. 

ये भी पढ़ेंः रास्‍ता भटके तो देखी अनदेखे फल की खेती, अब पंजाब में प्रति एकड़ 15 लाख रुपये कमा रहे अमनदीप

ICAR इंदौर ने तैयार की किस्म

गेहूं की किस्म एचआई 1655 को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, इंदौर के द्वारा विकसित किया गया है. गेहूं की इस खास किस्म को बनाने के लिए शरबती गेहूं की लोकप्रिय किस्में एचआई 1531 (हर्षिता) और एचआई 1544 (पूर्णा) को क्रॉस करके तैयार किया गया है. गेहूं की इस किस्म को मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात के किसानों के लिए अनुशंसित की गई है. इस किस्म में अच्छा उत्पादन हासिल करने के लिए समय पर इसकी बुवाई की जानी चाहिए और इसकी सिंचाई भी सीमित तरीके से करनी चाहिए. एचआई 1655 अधिक उपज देने वाली शरबती गेहूं की एक किस्म है. यह एचआई 1605 से अधिक उत्पादन देती है. 

ये भी पढ़ेंः Small Business Idea: अब डेयरी खोलना हुआ और भी आसान, 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही सरकार

प्रति क्विंटल अधिक होगी उपज

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि एचआई गेहूं की किस्म की खेती करके किसान प्रति हेक्टेयर औसतन 35 से 40 क्विंटल तक की पैदावार हासिल कर सकते हैं. वहीं अगर इस किस्म की खेती के अनुरूप मिट्टी और वातावरण मिल जाता है तो फिर उत्पादन में और भी बढ़ोतरी हो जाती है. फिर किसान प्रति हेक्टेयर 45-50 क्विंटल तक की पैदावार हासिल कर सकते हैं. गेहूं की यह किस्म मध्यम अवधि वाली होती है. बुवाई के 110-115 दिनों में यह कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इसके पौधे की औसतन ऊंचाई 85-90 सेंटीमीटर तक होती है. इसके 1000 दाने का वजन 44 ग्राम तक होता है. इस किस्म में सिर्फ दो सिंचाई करके ही किसान अच्छी उपज हासिल कर सकते हैं. 
 

 

POST A COMMENT