Millets in Ration : यूपी की तर्ज पर एमपी के लोगों को भी अब राशन में मिलेगा श्री अन्न

Millets in Ration : यूपी की तर्ज पर एमपी के लोगों को भी अब राशन में मिलेगा श्री अन्न

सेहत के लिए मुफीद माने गए मोटे अनाज यानी Millets के इस्तेमाल को सरकार लगातार बढ़ावा दे रही है. मोटे अनाज को Environment Friendly Farming के लिहाज से श्रेष्ठ माना गया है. इसलिए Modi Govt ने मिलेट्स को श्री अन्न नाम भी दिया है. मध्य प्रदेश में सरकार ने श्री अन्न के महत्व को देखते हुए अब सरकारी राशन वितरण में शामिल खाद्यान्न में श्री अन्न को भी जगह दी है.

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Millets in Ration : यूपी की तर्ज पर एमपी के लोगों को भी अब राशन में मिलेगा श्री अन्न खाद्य आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक में एमपी के सीएम मोहन यादव (फोटो: साभार, एमपी सरकार)

Climate Change की चुनौतियों को देखते हुए श्री अन्न की खेती काे पर्यावरण के अनुकूल माना गया है. Millets Farming में Chemical Fertilizer का इस्तेमाल नहीं होने के कारण इसे न केवल धरती की सेहत के लिए बल्कि किसान और सभी उपभोक्ताओं की सेहत के लिए भी सुरक्षित माना गया है. इसके मद्देनजर यूपी की तर्ज पर एमपी में भी राज्य सरकार ने गरीबों को मिल रहे मुफ्त एवं सस्ते राशन के अलावा राशन वितरण से जुड़ी Mid Day Meal योजना सहित अन्य योजनाओं में खाद्यान्न के साथ श्री अन्न भी देने की पहल की है. एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने Public Distribution System (PDS) में श्री अन्न को शुमार करने को कहा है. उन्होंने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रदेश में वितरित होने वाली राशन सामग्री में श्री अन्न को शामिल किया जाये.

बढ़ेगा श्री अन्न का रकबा

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में सरकार लक्ष‍ित वर्गों को राशन का वितरण करती है. इसमें गेहूं, चावल के साथ रोजमर्रा की अन्य खाद्यान्न वस्तुएं दी जाती हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान ज्वार, बाजरा, रागी जैसे श्री अन्न को भरपूर मात्रा में उपजाते हैं. इसलिए Ration Distribution में श्री अन्न को भी शामिल किया जाए.

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जुड़ेंगे स्वयं सहायता समूह

उन्होंने बैठक में सुझाव दिया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में श्री अन्न को शामिल करने के लिए सीधे स्थानीय किसानों से अनाज लेने की व्यवस्था बनाई जाए. इस प्रक्रिया में ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार कार्यक्रमों से जुड़े महिलाओं के Self Help Groups को भी जोड़ने पर विचार किया जा सकता है.

सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत जिन्हें लाभार्थी होने की पर्ची जारी की गई है, वे लोग योजना के लिए पात्र हैं या नहीं, इसका भी सर्वे कराया जाए. जिससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रत्येक लाभार्थी को शामिल किया जा सके. बैठक में एमपी के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और राज्य की मुख्य सचिव वीरा राणा के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

बने गैस कारपोरेशन

इस दौरान सीएम डॉ. यादव ने नापतौल विभाग की भी समीक्षा की. उन्होंने महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना सहित अन्य राज्यों की तर्ज पर एमपी में भी नापतौल विभाग के कर्मचारियों की यूनिफॉर्म तय करने का निर्देश दिया.

इसके अलावा उन्होंने राज्य के सभी प्रमुख शहरों में पाइप लाइन द्वारा रसोई गैस (PNG) उपलब्ध कराने का काम मंजिल तक पहुंचाने के लिए राज्य स्तर पर Gas Corporation का गठन करने की जरूरत पर बल दिया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में भी गैस उपयोग की संभावना है, अतः: इसकी आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए गैस कारपोरेशन के गठन की कार्ययोजना बनाई जाए. उन्होंने इस मामले में अन्य राज्यों की व्यवस्था का भी अध्ययन करने को कहा है.

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राज्य स्तर पर बने दलहन नीति

उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलहनी फसलों के भरपूर उत्पादन को देखते हुए भविष्य में इसे बढ़ाने की संभावना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि दलहन के मामले में एमपी में भावी संभावनाओं को देखते हुए किसानों को दलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके लिए उन्होंने राज्य स्तर पर दलहन नीति बनाने की बात कही.

साथ ही उन्होंने Ground Water Level  के संरक्षण और बिजली की बचत को ध्यान में रखते हुए विपरीत मौसम में धान एवं मूंग की खेती करने से किसानों को बचने की भी सलाह दी. उन्होंने कहा कि बिना मौसम वाली फसलों में पानी और ऊर्जा की अत्यधिक खपत को देखते हुए इनके उत्पादन को हतोत्साहित किया जाए.

इसके लिए सीएम ने किसानों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से Farmers Conference और कृषि विशेषज्ञों के साथ Workshops पूरे प्रदेश में आयोजित कराने को कहा. इस दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण तथा अन्य योजनाओं पर विभाग की ओर से भावी कार्ययोजना को भी पीपीटी के माध्यम से पेश किया गया.

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