मध्यप्रदेश के श्योपुर में खेतों में पराली जलाने पर प्रशासन की सख्ती और समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की समस्या को लेकर क्षेत्रीय किसानों ने कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने कलेक्ट्रेट गेट पर प्रदर्शन के दौरान जोरदार नारेबाजी करते हुए खेतों में नरवाई जलाने के आरोप में किसानों पर जुर्माना की कार्रवाई निरस्त किए जाने के साथ ही गेहूं खरीदी की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की. किसान नेता राधेश्याम मीणा ने डिप्टी कलेक्टर संजय जैन को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा और जल्द समाधान नहीं होने पर जिला प्रशासन को उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी.
उन्होंने कहा कि जिले में गेहूं खरीदी प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में देर से शुरू हुई थी, इसलिए उपज बेचने के लिए किसानों को पर्याप्त समय नहीं मिला. साथ ही मौसम जनित बाधाएं, ढुलाई व्यवस्था में परेशानी, मजदूरों की कमी और समय पर मशीन उपलब्ध नहीं होने जैसी समस्याओं के चलते किसान समय पर खरीद केंद्रों तक अपनी उपज नहीं ले जा सके. इसलिए किसानों की परेशानी को देखते हुए गेहूं की खरीदी की अंतिम तारीख 5 मई से बढ़ाकर 25 मई तक की जाए.
वहीं, प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आरोप लगाया कि नरवाई जलाने की घटनाओं में बिना उचित जांच के किसानों पर जुर्माना लगाया गया है, जबकि ज्यादातर मामलों में बिजली कंपनी की लापरवाही और अन्य कारणों से खेतों तक आग पहुंचने से नरवाई जलने की घटनाएं हुई. ज्ञापन सौंपने के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि अगर हमारी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो हमें आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा.
बता दें कि मध्य प्रदेश में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकारी खरीद अब आखिरी चरण में है. खरीद की प्रक्रिया 15 मार्च से चल रही है, पहले यह 1 मार्च से शुरू की गई थी, लेकिन बारिश के कारण गेहूं में नमी बढ़ गई. इसलिए सरकार ने किसानों काे राहत देते हुए प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया. अब यह प्रक्रिया 5 मई को खत्म होने वाली है. गुरुवार 1 मई को राज्य सरकार ने खरीद से जुड़े आंकड़े जारी किए और खरीद मात्रा, किसानों को भुगतान से जुड़ी जानकारी दी.
सरकार ने कहा कि किसानों को लगातार उपज का भुगतान किया जा रहा है. प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रदेश में अभी तक 7 लाख 81 हजार 389 किसानों से 67 लाख 92 हजार 890 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. किसानों को खरीदी गई गेहूं उपज का भुगतान लगातार किया जा रहा है. इस क्रम में अभी तक लगभग 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है. (खेमराज दुबे की रिपोर्ट)
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