कभी चार-पांच रुपये में टमाटर बेचने वाले किसान भी खरीद रहे हैं 120 रुपए किलो टमाटर

कभी चार-पांच रुपये में टमाटर बेचने वाले किसान भी खरीद रहे हैं 120 रुपए किलो टमाटर

झारखंड की बात करें तो यहां पर रामगढ़, बोकारो, गुमला रांची और हजारीबाग जिले में टमाटर की बंपर पैदावार होती है. इसके कारण कई बार ऐसा होता है कि किसान अपनी उपज को दो रुपये किलो तक बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं

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कभी चार-पांच रुपये में टमाटर बेचने वाले किसान भी खरीद रहे हैं 120 रुपए किलो टमाटरटमाटर बेचता किसान फोटोः किसान तक

देश में इस वक्त टमाटर की कीमते आसमान छू रही हैं. इसकी कीमतों की देखा-देखी कई और भी हरी सब्जियों के भाव आसमान चढ़ रहे हैं. मॉनसून की शुरुआत के वक्त टमाटर की कीमतों में बढ़तोरी होना कोई नई बात नहीं है पर इस बार यह महंगाई कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है. इसकी कीमत कई राज्यों में 120-130 रुपये प्रति किलो तक हो गई है. इसके कारण यह आम आदमी की थाली से दूर हो गया है. इस वक्त टमाटर की कीमतें इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि बारिश होने के कारण खेत में टमाटर सड़ जाते हैं और नए टमाटर इस वक्त बाजार में आते नहीं है. जिन किसानों की उपरी जमीन या पॉली हाउस में टमाटर बच जाते हैं वहीं इस वक्त बाजार में आते हैं. 

झारखंड की बात करें तो यहां पर रामगढ़, बोकारो, गुमला रांची और हजारीबाग जिले में टमाटर की बंपर पैदावार होती है. इसके कारण कई बार ऐसा होता है कि किसान अपनी उपज को दो रुपये किलो तक बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं. इस साल तो रांची जिले के बुढ़मू और मखमंद्रो बाजार से ऐसी खबरें भी आई थी और वीडियो भी सामने आए थे जिनमें देखा गया था कि किसान अपने टमाटर को नहीं बेच पाने के चलते सड़कों पर फेंक रहे है या गड्ढे में डंप कर रहे हैं. 

पहले पांच रुपए किलो बेचा टमाटर आज महंगा खरीदने को मजबूर

इतना ही नहीं बुढ़मू प्रखंड के कोटारी गांव के अलावा अन्य गावों के ऐसे भी किसान थे जिन्होंने टमाटर की तैयार फसल को खेत में ही सड़ने के लिए छोड़ दिया. क्योंकि उनका मानना था  टमाटर तुड़ाई की लागत और उसे बाजार ले जाने का किराया भी उसे बेचने पर नहीं मिलेगा. वहीं टमाटर आज लोगों को 120 रुपये किलो मिल रहा है. इतना ही नहीं जो किसान उस टमाटर को खेत में ही सड़ने के लिए छोड़ दे रहे थे यहा दो-तीन रुपए किलो बेच रहे थे आज वही किसान उसे 120 रुपये किलो खरीद रहे हैं. 

इस कारण बढ़ जाती है कीमत

बुढ़मू प्रखंड के किसान लखन याजव, मांडर के किसान अभिराम उरांव के अलावा बोकारो और रामगढ़ जिले के भी किसानों से बात करने पर पता चला की सब्जियों की बढती कीमतें सभी के लिए परेशान करनेवाली है. बेड़ो सब्जी मंडी के व्यापारी रबी प्रसाद गुप्ता बताते हैं कि यह एक ऐसा मौसम मोसम होता है जब पुरानी सब्जियां खेत से खत्म हो चुकी होती हैं और नई सबजियां तैयार नहीं हुई होती हैं. सब्जियों की आपूर्ति के लिए पूरी तरह से दूसरे राज्यों पर निर्भर होना पड़ता है इसके कारण भी कीमतें काफी बढ़ जाती है.  


 
 

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