बिहार की राजधानी पटना सहित सूबे के विभिन्न जिलों में टमाटर,अदरक और मिर्च के बढ़े दाम ने लोगों के मासिक बजट को हिला कर रख दिया है. वैसे तो मॉनसून के आगमन के साथ सब्जियों के दाम में वृद्धि देखने को मिलती है. लेकिन इस बार पिछले एक पखवाड़े के दौरान टमाटर के भाव का ग्राफ अपने सबसे अधिकतम रेट पर है. वहीं अदरक दोहरे शतक को पार कर तिहरा शतक लगाने की तैयारी में दिख रही है. तो मिर्च के दाम में पिछले दस दिनों में तीन गुना तक वृद्धि देखने को मिली है. पटना की सबसे बड़ी सब्जी मंडी मीठापुर के व्यापारियों का कहना है कि हाल के समय में टमाटर सहित अदरक, मिर्च व अन्य सब्जियां बाहर से आ रही हैं, जिसकी वजह से इनके दाम में हर रोज बढ़ोतरी हो रही है.
राज्य की सबसे बड़ी सब्जी मंडी पटना के मीठापुर में टमाटर का थोक भाव डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो है. तो अदरक 240,मिर्च 120 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच गया है. वहीं अदरक और मिर्च के भाव में पिछले दस से पंद्रह दिनों में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है. अखिल भारतीय किसान महागठबंधन पूरबी क्षेत्र के संयोजक गिरेंदर नारायण शर्मा सब्जियों के बढ़ते दाम को लेकर कहते हैं कि अगर सरकार यहां की लोकल प्रजाति को प्रमोट करने के साथ पॉली हाउस अधिक से अधिक किसानों को देती हैं . तो सब्जी के भाव पर काफी कंट्रोल हो सकता है.
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मीठापुर मंडी में सब्जी व्यापारी मोनू कुमार कहते हैं कि पिछले पंद्रह दिनों पहले थोक भाव में टमाटर 60 से 70 रुपये किलो बिक रहा था. वहीं अदरक 120 और मिर्च 50 से 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. लेकिन अब इनके दामों में काफी वृद्धि हुई है. फुटकर में टमाटर 160 से 180,अदरक 300 और मिर्च 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. साथ ही अन्य सब्जियों के दाम भी काफी बढ़ें है. आगे वह कहते हैं कि मीठापुर मंडी में टमाटर नेपाल, बंगलौर,पुणे,नासिक से आ रहे हैं. वहीं अदरक भी बड़े पैमाने पर कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से आ रहे हैं. जिसकी वजह से इनके दाम में बढ़ोतरी हुई है. वहीं लोकल में परवल,भिंडी और मिर्च सहित एक दो सब्जियों को छोड़ दिया जाए. तो अधिकांश सब्जियां अभी बाहर से आ रही है, जिसमें आलू उत्तर प्रदेश, शिमला मिर्च पुणे, फ्रेंच बीन दिल्ली,लौकी छतीसगढ़ से आ रही हैं. वहीं सब्जी खरीदने आई गृहणी नीतू सिंह कहती हैं कि बरसात के समय वैसे सब्जी के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिलती है. लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही है. जहां कभी सौ से डेढ़ सौ रुपये में तीन से चार सदस्यों वाले परिवार में सब्जी आसानी से दो दिन तक चल जाता था. वहीं अभी टमाटर,अदरक और मिर्च लेने में उतना पैसा खत्म हो जाता है.
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गया जिले के किसान आशीष कुमार कहते हैं कि मानसून के दौरान सब्जियों के दाम बढ़ते है. लेकिन इस बार 15 दिन पहले ही दाम बढ़ गया है. वे इसकी वजह इस बार पड़ने वाले हिट वेव को मान रहे हैं. उनके अनुसार इस बार अधिक तापमान की वजह से समय से पहले ही सब्जियां सुख गई,जिसकी वजह से दाम में अचानक वृद्धि हो गया है. अखिल भारतीय किसान महागठबंधन पूरबी क्षेत्र के संयोजक गिरेंदर नारायण शर्मा कहते हैं कि अभी जितनी भी सब्जियां बाजार में आ रही हैं. वे अधिकांश पॉली हाउस और कोल्ड स्टोरेज से आ रही है. यदि राज्य में पॉली हाउस और कोल्ड रूम की संख्या अधिक होती. तो आज दाम का रोना नहीं रोना पड़ता. जब राज्य में टमाटर और मिर्च का अधिक उत्पादन हो रहा था. उस दौरान बेहतर सुविधा नहीं होने से किसानों को सस्ते भाव पर बेचना पड़ा. जब लोकल सब्जियों के उत्पादन कम हो रहा है. तो सब्जियों के दाम में काफी बढ़ोतरी हुई है.
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