ओडिशा मिलेट मिशन के तहत प्रदेश में रागी की खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी प्रयास के तहत ओडिशा में किसानों के लिए एक साथ रागी की चार नई किस्मों को जारी किया गया है. ओडिशा कृषि विभाग का कहना है कि रागी की इन चार नई किस्मों से मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों के सशक्तीकरण को मजबूती मिलेगी. रागी की जो चार नई किस्मे ओडिशा में जारी की गई हैं उनका नाम किसानों के नाम पर रखा गया है. कुंद्रा बाटी, लक्ष्मीपुर कालिया, माल्याबंता मामी औऱ गुप्तेश्वर भारती नाम से चार किस्में जारी की गई है.
यह जो नई किस्में जारी की गई है उन्हें शुरुआती दौर में बीज उत्पादन करने और खुले बाजार में बेचने की अनुमति दी जा चुकी है. इसे पहले ओडिशा के कोरापुट और मल्कानगरी में बेचा जाएगा. माना जा रहा है कि रागी की इन सभी किस्मों को ओडिशा के 10 अलग-अलग जलवायु प्रभाव वाले क्षेत्रों में टेस्ट किया जाना है. राज्य कृषि विभाग द्वारा चार पारंपरिक किस्मों के प्रजनन, मूल्यांकन और जारी करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित की गई है.
बीजों को विकसित करने के लिए जो एसओपी तैयार किया गया है उसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ओडिशा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ओयूएटी), तकनीकी विशेषज्ञों, क्षेत्रीय गैर सरकारी संगठनों और संरक्षक आदिवासी किसानों के परामर्श से तैयार किया गया था. गौरतलब है कि ओडिशा मिलेट मिशन मोटे अनाज को प्रमोट करने वाला एक इकलौता मिशन है जो सफलतापूर्वक प्रदेश में संचालित किया जा रहा है. मिलेट मिशन के जरिए राज्य के आदिवासी बहुल इलाकों में किसानों की आय में काफी बढ़ोतरी हुई है. इससे उनके जीवन में बदलाव आया है. राज्य के किसानों को रागी की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उनसे 3578 रुपए प्रति क्विंटल की दर से एमएसपी पर रागी की खरीद की जाती है.
ओडिशा मिलेट मिशन से जुड़े कार्यकर्ता दिनेश वासन बताते हैं कि मिलेट मिशन के तहत कई पहलुओं पर कार्य किया गया. क्योंकि सिर्फ उत्पादन बढ़ाने भर से किसान को फायदा नहीं होना था. उत्पादन बढ़ने के बाद किसान को अपने उत्पाद के लिए बाजार भी चाहिए, मिलेट मिशन के तहत मोटे अनाज के लिए बाजार तैयार किया गया. मोटे अनाज के इस्तेमाल से स्वादिस्ट व्यंजन बनाए गए हैं और इसे लोगों तक पहुंचाने के लिए कई जगहों पर मोटे अनाज के उत्पाद को समर्पित स्टॉल खोले गए. इससे लोगों में मोटे अनाज को लेकर जागरूकता बढ़ी और मोटे अनाज की मांद प्रदेश में बढ़ी.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today