झारखंड मे किसानों को खेती बारी में नुकसान नहीं हो और सही समय पर किसान खेती कर पाएं इसके लिए मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से सलाह जारी किया जाता है. इन सलाहो का पालन करके किसान फसल नुकसान से बच सकते हैं साथ ही सही समय पर फसलों का प्रबंधन भी कर सकते हैं. इससे उन्हें खेती में नुकसान नहीं होगा और पैदावार भी अच्छी होगी. किसानों के लिए जारी किए गए सलाह में कहा गया है कि कम तापमान और नमी के कारण खड़ी फसलों में तनाव हो सकता है. इस स्थिति से बचाने के लिए किसान अपने खेतों में हमेशा हल्की सिंचाई करते रहे. ध्यान रहे की किसान सुबह के वक्त ही सिंचाई करें.
इसके अलावा अगर किसान नर्सरी तैयार कर रहे हैं तो फसलों के बेहतर के लिए नर्सरी के उपर कम लागत वाले प्लास्टिक का उपयोग करें. झारखंड में अगले पांच दिनों तक मौसम साफ रहने वाला है इसलिए नमी की कमी हो सकती है, इसलिए हाल ही में बोई गई रबी की नई पौधों को तनाव से बचाने के लिए बराबर सिंचाई करते रहे. जो किसान गेंहू की खेती करना चाहते हैं वो इसकी पछेती किस्मों जैसे एचआई 1583, डीडी डब्लू-107, एचडी-3118 जैसी किस्मों की खेती कर सकते हैं. देर से बुवाई कर रहे किसान बुवाई से पहले सामान्य से अधिक 50 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज का इस्तेमाल करें.
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इसके अलावा बीज को फफूंदनाशी दवा वैभीस्टिन दो से ढाई ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के साथ उपचारित करें. बीज की बुवाई के लिए कतार से कतार की दूरी 18 से 20 सेमी रखे और पोधों से पौधों की दूरी 7 से 9 सेमी के बीच रखें. जिन किसानों ने 20-25 दिन पहले गेंहू की बुवाई की है, खेत की नमी बनाए रखने के लिए खर-पतवार का नियंत्रण करने के लिए निराई-गुड़ाई के साथ सिंचाई करें और सिंचाई के एक दिन बाद 20-22 किलोग्राम प्रति एकड़ यूरियाका भुरकाव करें.
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सरसों की खेती में ठंड और खुले मौसम के कारण कीड़ों का प्रकोप देखा जा रहा है. इससे बचाव के लिए रोजर 30 ईसी दो मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. इसके अलावा आलू में अगेती और पछेती झुलसा रोग से बचाने के लिए क्रैलेक्सिन 30 डब्लूएस या रिडोमिल एमजेड 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. जो किसान मूली की खेती करना चाहते हैं वो जैविक अंश से भरपूर अच्छे जल निकास वाली मिट्टी का चयन करें. मूल की खेती के लिए वो इसकी उन्नत प्रभेद जापानी व्हाइट, पूसा, हिमानी, पूसा देसी आदि किस्मों का चयन कर सकते हैं. इसके अलावा टमाटर, फूलगोभी और पत्तागोभी पर भी कीट और रोगों का प्रकोप हो सकता है उसपर हमेशा ध्यान दें.
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