कई राज्यों में इस समय चालू सीजन 2024-25 के लिए धान की खरीदी चल रही है. इस बीच पंजाब में धान खरीदी में धीमी गति, धान के उठान और तमाम समस्याएं सामने आ रही हैं. वहीं इसके पड़ोसी राज्य हरियाणा में धान खरीदी काफी अच्छे से तो हो रही है, लेकिन अब स्टॉक गायब होने की खबर सामने आ रही है. राज्य में धान खरीद में अनियमिता, फर्जी गेट पास जैसी गड़बड़ियां उजागर हो रही हैं. इस बीच करनाल चावल मिल को कस्टम-मिलिंग चावल (सीएमआर) के लिए आवंटित 4,000 क्विंटल धान गायब होने की जानकारी सामने आई है, जिसके बाद प्रसाशन एक्शन में आ गया है.
'दि ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) को मिल मालिक के खिलाफ जरूरी एक्शन लेने के लिए कहा गया गया है. बता दें कि उक्त धान को खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से सीएमआर प्रणाली के तहत चावल मिल मालिक को दिया गया था, जिसे मिलिंग के बाद प्रोसेस्ड चावल को वापस भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को भेजा जाना था, लेकिन अब 4000 क्विंटल धान स्टॉक से गायब है.
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दरअसल, सहायक आयुक्त प्रशिक्षणाधीन (एसीयूटी) योगेश सैनी के नेतृत्व में एक टीम चावल मिलों का निरीक्षण कर रही है, जिसमें एजेंसी की ओर से आवंटित मात्रा के साथ चावल मिलों में स्टॉक का मिलान करने के लिए अनाज मंडियों में रिकॉर्ड की पुष्टि कर रही है. इस दौरान ही टीम को चावल मिल के स्टॉक से लगभग 4,000 क्विंटल धान गायब मिला.
वहीं, मामले को लेकर अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) यश जालुका ने बताया कि डीएफएससी को नीति के अनुसार, जरूरी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा कि धान खरीदी में किसी भी खामी को लेकर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया जा रहा है. एडीसी जालुका और सैनी सीजन की शुरुआत के बाद से ही धान खरीद पर नजर रखे हुए हैं.
इसके पहले करनाल जिले में सात अनाज मंडियों में लगभग 90,000 क्विंटल धान के गेट पास की एंट्री डिलीट करने का मामला सामने आ चुका है, जिसकी जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं. मामले में जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी (DMEO) सौरभ को जांच कर विस्तृत रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है. हरियाणा राज्य कृषि मार्केटिंग बोर्ड (एचएसएएमबी) के मुख्य प्रशासक मुकेश कुमार आहूजा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है और डीएमईओ को जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है. इसके बाद आगे कार्रवाई की जाएगी.
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