हरियाणा की कई मंडियों में सरकारी एजेंसियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरसों की खरीद बंद कर दी है. जिन जिलों में सरसों की सरकारी खरीद बंद हुई है उनमें चरखी दादरी, भिवानी, फतेहाबाद और हिसार शामिल हैं. इन क्षेत्रों में खरीद बंद होने से किसानों में घोर नाराजगी देखी जा रही है. स्थिति ये है कि किसान अपनी उपज लेकर मंडियों में इस उम्मीद के साथ पहुंच रहे हैं कि उन्हें एमएसपी का लाभ मिलेगा. लेकिन मंडियों में खरीद बंद होने से किसानों को बैरंग घर वापस लौटना पड़ रहा है. इस बार हरियाणा में सरसों की बंपर पैदावार हुई है जिसे बेचने के लिए किसान लगातार मंडियों में पहुंच रहे हैं. अब इन किसानों में घोर मायूसी देखी जा रही है.
अखिल भारतीय किसान सभा (ABKS) ने किसानों के इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है. किसान सभा ने आरोप लगाया है कि सरसों की खरीद को लेकर किसानों को परेशान किया जा रहा है. फतेहाबाद जिले के एबीकेएस अध्यक्ष विष्णु दत्त ने 'दि ट्रिब्यून' से कहा, सरसों की खरीद नहीं होने की शिकायत सरकारी एजेंसियों से की गई है. फतेहाबाद के भट्टू में सरसों की बहुत अधिक पैदावार होती है. लेकिन स्थिति ये है कि यहां के किसानों से जबरन एमएसपी से कम दाम पर सरसों की खरीदी जा रही है. इसके खिलाफ अखिल भारतीय किसान सभा ने आवाज उठाई है.
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भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष ने कहा कि खरीद एजेंसी को दो दिन का अल्टीमेटम दिया गया है कि वे सरसों खरीद को फिर से बहाल करें, अन्यथा इस मुद्दे को राज्य सरकार के समक्ष उठाया जाएगा. दूसरी ओर चरखी दादरी मार्केटिंग कमेटी के एक अधिकारी ने कहा कि वे सरकार के उस निर्देश का इंतजार कर रहे हैं जिसमें सरसों की खरीद फिर से बहाल करने की बात हो. अधिकारी ने कहा कि सराकर से जैसे ही इस बाबत आदेश आएगा, सरसों की खरीद फिर से शुरू कर दी जाएगी.
चरखी दादरी मार्केटिंग कमेटी के अधिकारी ने कहा कि सरसों की खरीद इसलिए बंद कर दी गई है क्योंकि नेफेट ने अपने कोटा की खरीद पूरी कर ली है. इसके बाद हेफेड अपनी जरूरत के हिसाब से सरसों की खरीद शुरू करेगा. अधिकारी के मुताबिक, चरखी दादरी जिले की मंडियों के बाहर 48,000 क्विंटल सरसों बिना बिके यूं ही पड़ा हुआ है. अधिकारी ने कहा, खरीद बंद होने के चलते सरकारी एजेंसियां और आढ़तियों ने किसान से सरसों खरीदना बंद कर दिया है.
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ठीक यही स्थिति भिवानी में भी देखी जा रही है. यहां अभी 40,000 क्विंटल सरसों की खरीद बाकी है. उधर हिसार जिले में अब तक 27,991 क्विंटल सरसों की खरीद नहीं हो पाई है जिससे किसान परेशान हैं. आढ़तियों का कहना है कि खुले बाजार में सरसों का भाव अभी 4300 रुपये से 4500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है जबकि सरकार ने 5450 रुपये एमएसपी निर्धारित की है. बीड जिले के किसान सुलतान सिंह कहते हैं कि उन्होंने तीन एकड़ में उगाई सरसों को 4800 रुपये की एमएसपी पर बेचा है. वे कहते हैं कि अच्छे दाम की उम्मीद में उन्होंने कुछ दिन तक अपनी उपज को रोक कर रखा था. लेकिन बाद में प्राइवेट आढ़तियों के हाथ एमएसपी से कम दाम पर सरसों बेचना पड़ा.
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