हरियाणा में पिछले महीने हुई बेमौसम बारिश, तेज हवाओं और ओले गिरने से 1300 से अधिक गांवों में रबी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था, जिसके बाद से अब तक राज्य के 8 जिलों के 36 हजार से अधिक किसानों ने मुआवजे के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है. सरकार की ओर से इस पोर्टल पर किसान 20 जनवरी तक अपने फसल खराबे की जानकारी दर्ज कर सकते हैं. ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1399 गांव के किसानों ने कुल 36089 किसानों ने 1,79,157 एकड़ में फसल प्रभावित होने की जानकारी दी है. वहीं, मौसम विभाग ने हरियाणा में कल से फिर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि को लेकर फिर चेतावनी दी है.
प्रभावित किसानों ने राज्य सरकार के ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 1,78,649 एकड़ में हुए नुकसान के लिए दावे दर्ज किए हैं। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 36,000 से अधिक किसानों ने नुकसान की रिपोर्ट दी, जिसमें से करीब 9 हजार एकड़ में सर्वे का काम पूरा भी हो गया है.
जिला | गांव | किसानों की संख्या | रकबा (एकड़ में) |
फतेहाबाद | 109 | 1,853 | 12,681.351 |
गुरुग्राम | 151 | 6,453 | 29,035.108 |
हिसार | 236 | 5,659 | 34,335.322 |
महेंद्रगढ़ | 308 | 5,071 | 21,175.376 |
रेवाड़ी | 252 | 6,183 | 26,727.571 |
रोहतक | 2 | 5 | 17.707 |
पलवल | 174 | 1,399 | 8,051.257 |
चरखी दादरी | 167 | 9,768 | 47,133.693 |
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार
'दि ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, रोहतक के एडीसी नरेंद्र कुमार ने फसल मुआवजे की शिकायतों के समाधान के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा. नरेंद्र कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को अपनी फसल के नुकसान की रिपोर्ट के लिए यह पोर्टल खोला है. उन्होंने किसानों से समय पर रजिस्ट्रेशन करने की अपील की.
वहीं, महेंद्रगढ़ के डिप्टी कमिश्नर डॉ. विवेक भारती ने कहा कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से मुआवजे के लिए सिर्फ वही किसान पात्र हैं, जो "मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत हैं. राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग नुकसान का सक्रिय रूप से आकलन कर रहा है. डॉ. भारती ने कहा कि सीएम के निर्देशों के अनुसार हम जिलेभर में फसल नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.
इधर, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कल से तीन दिन के लिए देश के कई राज्यों में बारिश, आंधी-बिजली, ओलावृष्टि की संभावना जताई है. वहीं, ओलावृष्टि वाले राज्यों में शीर्ष पर हरियाणा और राजस्थान का नाम है. ऐसे में एक बार फिर कई जिलों में किसानों को नुकसान का डर सताने लगा है.
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