खेत डूबे, फसलें डूबीं, यहां तक कि ट्रैक्टर भी डूबे...हरियाणा के इस क्षेत्र में सबकुछ जलमग्न

खेत डूबे, फसलें डूबीं, यहां तक कि ट्रैक्टर भी डूबे...हरियाणा के इस क्षेत्र में सबकुछ जलमग्न

किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने खेतों में 90 प्रतिशत तक धान की रोपाई का काम पूरा कर लिया था. लेकिन बारिश से उनकी फैसलें पूरी तरह पानी में डूब गईं और पूरी तरह से खराब हो गईं. अब किसान सरकार से खराब हुई फसलों की मुवावजे की मांग कर रहे हैं.

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खेत डूबे, फसलें डूबीं, यहां तक कि ट्रैक्टर भी डूबे...हरियाणा के इस क्षेत्र में सबकुछ जलमग्नगोहाना में भारी बारिश के बाद फसलें डूब गई हैं

हरियाणा में बारिश का कहर जारी है. मंगलवार को पंद्रह जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया. वहीं गोहाना और आसपास के इलाके में सुबह-सुबह तीन घंटे हुए मूसलाधार बारिश से शहर ही नहीं, खेतों में पानी ही पानी भर गया. गांव रूखी, छिछड़ाना सहित कई गांवों को सैंकड़ों एकड़ में धान की फसल डूब गई. वहीं गांव छिछड़ाना में खेत में काम कर रहे किसानों के ट्रैक्टर भी डूब गए हैं. खेतों में बारिश का पानी तीन से चार फीट पानी जमा हो गया है. किसान मूसलाधार बारिश होने से काफी परेशान हो रहे हैं. इस बार किसानों की फसल ख़राब होने से भारी नुकसान हुआ है. 

किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने खेतों में 90 प्रतिशत तक धान की रोपाई का काम पूरा कर लिया था. लेकिन बारिश से उनकी फैसलें पूरी तरह पानी में डूब गईं और पूरी तरह से खराब हो गईं. अब किसान सरकार से खराब हुई फसलों की मुवावजे की मांग कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि अगर उनके खेतों से जल्द ही पानी निकासी नहीं की गई तो उनके सामने अगली फसल की चिंता भी खड़ी हो जाएगी. किसान पूरी तरह से बर्बादी की कगार पर पहुंच जाएंगे.

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किसानों का सरकार पर आरोप

किसानों ने आरोप लगाया कि पिछले सप्ताह हुई बारिश के बाद खेतों में जलभराव हो गया था. इसके बाद अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी कोई उनकी सुनने वाला नहीं है. कोई भी अधिकारी फसल नुकसान को देखने नहीं आ रहा है. किसान अधिकारियों के पास गए भी तो उल्टे उन्हें वहां से डांट कर भगा दिया जाता है. उन्हें कहा जाता है अधिकारी खुद जा कर जायजा लेंगे. खेतों में पानी निकासी के लिए लाखों रुपये की पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन वह बेकार साबित हुई. उसे अब तक चालू नहीं की गई, पाइपलाइन का काम अधूरा पड़ा है. 

किसानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि वे बहुत मुश्किल से खेती कर पेट भरते हैं. जमीन ठेके पर ले कर फसल उगाते हैं. मगर बारिश की वजह से खेतों में पांच से छह फीट तक पानी जमा हो गया है. लेकिन पानी निकासी को लेकर अधिकारी उनकी सुन नहीं रहे हैं. सरकार से यही मांग है कि किसानों के हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए.

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क्या कहते हैं सिंचाई अधिकारी

वहीं मौके पर पहुंचे नहरी सिंचाई विभाग के एसडीओ बिजेंद्र ने कहा कि रात को बारिश से किसानो की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. कहीं-कहीं पर तो पानी ज्यादा भरा है. खेतों से पानी निकलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं. उच्च अधिकारियों को भी मोटर सेट लगाने के लिए बोला जा रहा है. अभी यहां खेतों में पानी निकासी के लिए दो महीने पहले दो पाईपलाइन बिछाने का काम शुरू किया गया था जो अभी जारी है.

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