हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में पाले ने फसलों (rabi crop) को बर्बाद कर दिया है. सरसों और सब्जियों की फसल सबसे अधिक प्रभावित देखी जा रही है. इससे किसानों का बड़ा नुकसान हुआ है. इस नुकसान की भरपाई के लिए महेंद्रगढ़ के किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार फसलों की गिरदावरी कर उन्हें उचित मुआवजा (crop compensation) दे. इस मांग को लेकर लघु सचिवालय नारनौल में किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों ने जिला उपायुक्त की अनुपस्थिति में सीटीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और पांच दिन में गिरदावरी करवाने की मांग की. गिरदावरी नहीं कराने पर किसानों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी.
पूरे हरियाणा में लगातार ठंड ओर कोहरे का कहर जारी है. यहां का महेंद्रगढ़ जिला राजस्थान से सटा है, इसलिए यहां का तापमान हमेशा नीचे रहता है. हाल में पांच दिन लगातार तापमान 0.3 डिग्री से लेकर 0.8 डिग्री तक रहा है. इससे किसानों के चेहरे पर उदासी झलक रही है. लगातार पाला गिरने के कारण महेंद्रगढ़ जिले की मुख्य फसल सरसों (mustard) खराब हो चुकी है. इस बर्बादी से निपटने के लिए अलग-अलग जगह के किसान मुआवजे (crop compensation) की मांग को लेकर सरकार को पत्र लिख रहे हैं.
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महेंद्रगढ़ जिले के अनेकों गांव के किसान मुआवजे की मांग को लेकर सोमवार को नारनौल लघु सचिवालय पहुंचे. वहां उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पांच दिन में स्पेशल गिरदावरी नहीं होने पर रोड जाम कर आंदोलन की चेतावनी दी. इसके बाद जिला उपायुक्त की अनुपस्थिति में सीटीएम को मुख्यमंत्री के नाम अपना मांग पत्र सौंपा. इसमें मांग की गई है कि सरकार फौरन खराब फसलों (rabi crop damage) की गिरदावरी कराए और मुआवजे निर्धारित हो. वर्ना किसान आंदोलन करेंगे.
किसानों का कहना है कि वे मुख्य रूप से सरसों (mustard) पर निर्भर रहते हैं और सर्दी में अधिक पाला गिरने के कारण यह फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. उनकी मांग है कि सरकार गिरदावरी करा कर किसानों को उचित मुआवजा दे. किसानों का कहना है कि गिरदावरी खेतों में जाकर की जाए न कि बंद कमरों में लीपापोती की जाए जिससे किसानों के नुकसान की उचित भरपाई हो सके. किसानों का कहना है कि उनकी फसल 80 से 90 प्रतिशत तक नष्ट हो चुकी है.
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इस पूरे मामले पर सीटीएम मंगल सेन का कहना है कि किसानों ने उन्हें मुआवजे (compensation) की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है. वे सरकार तक इसे पहुंचाने का काम करेंगे और जिस हिसाब से सरकार के आदेश होंगे, आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. सीटीएम ने कहा कि अगर सरकार गिरदावरी के आदेश देती है तो संबंधित विभाग द्वारा उचित गिरदावरी करवाई जाएगी. दूसरी ओर किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि पांच दिन के अंदर गिरदावरी कराई जाए वर्ना किसान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.(रिपोर्ट-नवीन यादव)
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