Palwal News: ठप पड़ी गन्ने की सरकारी खरीद, शुगर मिल के बाहर लगा ट्रैक्टरों का रेला

Palwal News: ठप पड़ी गन्ने की सरकारी खरीद, शुगर मिल के बाहर लगा ट्रैक्टरों का रेला

पलवल में गन्ने की खरीद लगभग ठप पड़ गई है. यह खरीद हरियाणा सरकार की कॉपरेटिव शुगर मिल के जरिये की जानी है. आज हालत ये है कि पलवल मंडी के बाहर ट्रैक्टरों का रेल लगा है. इन ट्रैक्टरों में गन्ने की ढेरियां भरी पड़ी हैं, लेकिन उसे मंडी में कोई खरीदने वाला नहीं है.

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Palwal News: ठप पड़ी गन्ने की सरकारी खरीद, शुगर मिल के बाहर लगा ट्रैक्टरों का रेलापलवल में गन्ने की सरकारी खरीद लगभग ठप पड़ गई है

पलवल में गन्ना मंडी के बार ट्रैक्टरों का विशाल रेला लगा है. सभी ट्रैक्टर गन्ने से लदे हैं. गन्ना लेकर मंडी पहुंचे किसानों से बात करें तो पता चल जाएगा कि उनकी पीड़ा कितनी गहरी है. ये सभी किसान हरियाणा सरकार की कॉपरेटिव शुगर मिल में गन्ना बेचने आए हैं. लेकिन मिल अथॉरिटी इस बात से बेपरवाह है कि किसानों का गन्ना खरीदा भी जाना है. पिछले पांच दिन से पलवल की इस मिल में गन्ने की खरीद नहीं हो रही जिससे किसान हताश-परेशान हैं. इन पांच दिनों से किसानों के ट्रैक्टर मिल के बाहर लाइन लगाए खड़े हैं. इस इंतजार में कि गन्ने की खरीद हो जाएगी और वे खुशी-खुशी अपने घर के लिए विदा होंगे. लेकिन किसानों के इस अरमान पर पानी फिरते दिख रहा है. 

किसानों को 25 मई की तारीख सता रही है. यह वही तारीख है जिस दिन मौजूदा गन्ना पेराई की डेडलाइन खत्म हो रही है. इस तारीख में गिन कर 23 दिन बचे हैं. और हालत ये है कि अभी तकरीबन 25 फीसद गन्ने की खरीद बाकी है. इसलिए किसान गहरी चिंता में पड़ गए हैं कि उनकी उपज का क्या होगा. हरियाणा सरकार की कॉपरेटिव शुगर मिल बीते साल पांच दिसंबर को शुरू हुई और पेराई का काम आगे बढ़ा. माना गया कि मिल का पेराई सीजन अप्रैल अंत तक निपट जाएगा. 

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टारगेट से पीछे कॉपरेटिव शुगर मिल

'दि ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट बताती है कि 30 अप्रैल तक इस कॉपरेटिव शुगर मिल में 29.10 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हुई है जबकि इस तारीख तक 33 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की जानी थी. इस हिसाब से लगभग चार लाख क्विंटल गन्ने की पेराई पीछे चल रही है. यही वजह है कि पलवल में शुगर मिल के बार गन्ने से लदे ट्रैक्टरों की लंबी कतार देखी जा रही है. इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा ने आवाज उठाई है. उसके प्रवक्ता ने कहा कि परेशानी केवल इसलिए नहीं है कि पेराई में 45 दिन की देरी चल रही है बल्कि दिक्कत इसलिए भी है क्योंकि मिल की पूरी फंक्शनिंग गड़बड़ है.

कॉपरेटिव शुगर मिल अकेली ऐसी मिल है जो पलवल, फरीदाबाद, नूंह और गुरुग्राम जिले के किसानों से गन्ना खरीदती है. इस मिल के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि गन्ने की पेराई का लक्ष्य पूरा करने के लिए 180 दिन का टारगेट रखा गया था, लेकिन मिल केवल 147 दिन ही चल पाई है. यही वजह है कि गन्ने की खरीद में लगातार देरी देखी जा रही है. पलवल के श्रीनगर गांव के किसान करतार सिंह कहते हैं, पिछले चार दिन से अपना गन्ना तौलवाने के लिए इंतजार कर रहा हूं. लेकिन अभी तक इसकी बारी नहीं आई.

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क्या कहते हैं पलवल के गन्ना किसान?

किसान करतार सिंह कहते हैं, मेरा गन्ना अब सूखने लगा है. इससे गन्ने का वजन घटेगा जिसका भारी घाटा उठाना पड़ेगा. गन्ना सूखने से चीन मिल वाले कम पैसे में खरीदते हैं. इसी बात को लेकर किसानों में परेशानी देखी जा रही है. औरंगाबाद के किसान धीरेंद्र कहते हैं कि अभी उनकी आधी फसल खेतों में ही है और अब इस बात का डर है कि मिल गन्ना नहीं खरीदेगी. ऐसे में फसल खेतों में ही रह जाएगी. अलवरपुर गांव के किसान नेपाल सिंह की शिकायत है कि वे पिछले तीन दिन से शुगर मिल के बाहर ट्रैक्टर के साथ इंतजार में खड़े हैं. अब उन्हें चिंता इस बात की सता रही है कि मिल ने गन्ने की खरीद नहीं की तो उनका क्या होगा. इस तरह के और भी कई किसान अपना दुखड़ा बयां कर रहे हैं और पूरे मामले का ठीकरा मिल प्रशासन पर फोड़ रहे हैं. 

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