छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होगी और पूरी प्रक्रिया बायोमीट्रिक सिस्टम से लैस होगी. वहीं, किसानों को अब टोकन के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. इस बार ऑफलाइन के साथ मोबाइल ऐप के जरिए भी ऑनलाइन टोकन जारी किए जाएंगे. राज्य सरकार ने खरीदी व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए जिलों में प्रशिक्षण शुरू कर दिया है. एक सरकारी बयान के मुताबिक, सरगुजा और दुर्ग संभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों को खरीदी से जुड़ी पूरी प्रक्रिया समझाई गई है.
खाद्य विभाग के सचिव, नागरिक आपूर्ति निगम और विपणन संघ के अधिकारियों की मौजूदगी में बताया गया कि इस साल खरीदी प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और निगरानी तंत्र से जोड़ा जा रहा है. इस बार धान खरीदी और भी सख्त और पारदर्शी व्यवस्था के तहत की जाएगी.
विपणन संघ मुख्यालय में इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया जा रहा है, जहां से राज्यभर के उपार्जन (खरीद) केन्द्रों की मॉनिटरिंग होगी. मोबाइल ऐप के जरिए किसानों और केन्द्र प्रभारियों को जरूरी अलर्ट भेजे जाएंगे. वहीं, केन्द्रों में धान के भंडारण और किसानों की सुविधाओं को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं.
प्रशासन ने उपार्जन केन्द्रों को पिछले वर्षों के अनुभव के आधार पर संवेदनशील और सामान्य श्रेणी में बांटा है. संवेदनशील केन्द्रों पर नोडल अधिकारी तैनात रहेंगे, जो नियमित निरीक्षण करेंगे. कंट्रोल सेंटर से आने वाले अलर्ट पर उड़नदस्ता तुरंत कार्रवाई करेगा. सीमावर्ती इलाकों में अवैध धान की आवक रोकने के लिए चेकपोस्ट भी लगाए जा रहे हैं.
सभी जिलों को 30 अक्टूबर तक धान खरीदी की तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं और 3 से 6 नवंबर के बीच इसका ट्रायल रन होगा. वहीं, 9 नवंबर से किसान टोकन के लिए आवेदन कर सकेंगे. सीमांत और लघु किसानों को दो टोकन, जबकि बड़े किसानों को अधिकतम तीन टोकन दिए जाएंगे.
साथ ही इस बार सरकार ने समितियों के लिए इंसेंटिव का प्रावधान भी रखा है. जो समितियां खरीदी प्रक्रिया को बिना गड़बड़ी के और शासन के निर्देशों के अनुसार पूरी करेंगी, उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा. उपार्जन केन्द्रों को भारत सरकार के पीसीएसएपी पोर्टल पर स्वमूल्यांकन करना होगा. इसमें एल-4 ग्रेडिंग हासिल करने वाली समितियां ही इंसेंटिव पाने की पात्र होंगी. समितियों में डेटा एंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति छह माह के लिए की जाएगी, जहां पिछले साल अनियमितताएं पाई गई थीं, वहां नए ऑपरेटरों की भर्ती के निर्देश दिए गए हैं.
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