Bihar News: 10000 हेक्टेयर खेत के लिए मुफ्त में मक्का बीज दे रही सरकार, किसान जल्द उठाएं लाभ

Bihar News: 10000 हेक्टेयर खेत के लिए मुफ्त में मक्का बीज दे रही सरकार, किसान जल्द उठाएं लाभ

धान की फसल को बहुत पानी चाहिए होता है जबकि बिहार में लगातार सूखा देखा जा रहा है. ऐसे में सरकार मक्के जैसी फसल को बढ़ावा दे रही है जिसे कम पानी की जरूरत होती है. किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार मुफ्त में मक्का का बीज बांट रही है.

Advertisement
Bihar News: 10000 हेक्टेयर खेत के लिए मुफ्त में मक्का बीज दे रही सरकार, किसान जल्द उठाएं लाभमक्के की खेती को बढ़ावा दे रही है बिहार सरकार

बिहार में जिस तरह से सूखे के हालात बन रहे हैं, उससे आम लोगों के साथ सरकार भी चिंतित है. इस बार हालत और भी अधिक खराब है क्योंकि धान के सीजन में बारिश नहीं हुई. अब किसान करें भी तो क्या करें. किसान पंपसेट के सहारे धान की फसल को बचाए रख रहे हैं. ऐसे में उन फसलों की खेती पर जोर दिया जा रहा है जिसमें पानी की कम खपत होती है. अगर बात मुंगेर जिले की करें जहां धान बड़े पैमाने पर होता है तो वहां सूखे से फसलें चौपट हो रही हैं. सूखे जैसे हालात होने के बाद कृषि विभाग के प्रधान सचिव ने धान की खेती छोड़ किसानों से मक्का की खेती करने की अपील की है. सचिव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ किसानों को बदलना जरूरी है. सचिव ने यह भी बताया कि बिहार सरकार फ्री में दस हजार हेक्टेयर भूमि के लिए मक्का बीज उपलब्ध करवा रही है.  

दरअसल, दिन प्रतिदिन कम हो रही बारिश की वजह से पिछले कई वर्षों से धान की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. कुछ ऐसी ही स्थिति इस साल भी देखने को मिल रही है. इस वर्ष भी किसानों ने धान के बीज तो खेत में लगा दिए हैं लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से सूखे जैसे हालात हो गए हैं. कुछ जगह जहां सिंचाई का स्रोत है, वहां किसानों ने धान तो लगा दिया लेकिन जितना पानी धान को चाहिए, वह उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

मुंगेर में सूखे से हालत खराब

मुंगेर के ज्यादातर इलाके के किसान धान की खेती पर आश्रित हैं. यहां बारिश नहीं होने की वजह से उनके माथे पर परेशानी की लकीर खींच गई है. वैसे भी मुंगेर धान का कटोरा के नाम से प्रसिद्ध है, मगर बीते कुछ वर्षों से किसानों को धान की खेती ने घाटे में पहुंचा दिया है.

ये भी पढ़ें: नास‍िक में मक्का की खेती पर अमेरिकी फॉल आर्मी वर्म कीट का अटैक, सकते में क‍िसान 

वहीं कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बुधवार देर शाम तक कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ प्रमंडल स्तर की बैठक की. इसमें दिन प्रतिदिन कम हो रही बारिश को देखते हुए किसान खेती कैसे करें, इसको लेकर चर्चा की गई. कृषि सचिव ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ किसानों को भी बदलना होगा. किसान धान की खेती नहीं कर मक्के की खेती करें. इसमें कम पानी लगता है और मुनाफा भी ज्यादा होता है. सरकार मुफ्त में किसानों को मक्के का बीज उपलब्ध करा रही है. 

मक्के की खेती देगी फायदा

मुंगेर कमिश्नरी क्षेत्र में इस बार काफी कम बारिश हुई है. हर वर्ष की अपेक्षा इस बार 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इसके कारण कई इलाकों में धान की खेती नहीं हुई है. कृषि सचिव ने कहा, ऐसे में किसानों को कम से कम कृषि फीडर से बारह घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए. इसके साथ ही डीजल से खेती करने वाले किसानों को डीजल अनुदान की राशि मुहैया कराई जाएगी. सचिव ने कहा कि जहां बारिश कम हुई है और इसके कारण धान की खेती कम हुई है, वहां के किसान मक्के की खेती करें. इसके लिए सरकार उन्हें बीज और तकनीकि सहायता मुफ्त में उपलब्ध कराएगी. इससे किसानों के घाटे की पूर्ति की जा सकती है. 

किसान मुफ्त ले सकेंगे बीज

सचिव ने कहा कि असरगंज, खड़गपुर, संग्रामपुर, तारापुर और टेटिया बंबर में धान का बिचड़ा तैयार है पर बारिश के अभाव में वहां धान नहीं लग पाया है. ऐसे में किसान वहां मक्का लगाएं. मक्के की खेती में धान की खेती की अपेक्षा एक तिहाई पानी की जरूरत होती है. ऐसे में सूखे के समय में मक्का किसानों के लिए वरदान साबित होगा. जलवायु परिवर्तन के कारण हर साल कम बारिश हो रही है. इसे देखते हुए किसानों को अच्छी क्वालिटी के मक्के का बीज दिया जाएगा. यदि किसान अगले दस दिन में मक्का लगा लेते हैं उन्हें अच्छा उत्पादन मिल सकेगा. सरकार दस हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती के लिए मुफ्त बीज मुहैया कराएगी.(गोविंद कुमार की रिपोर्ट)

ये भी पढ़ें: मॉनसून के बढ़ते ही देश में धान की रोपाई हुई तेज, पिछले साल से अधिक पहुंचा रकबा

POST A COMMENT