केंद्र सरकार हर साल 1 फरवरी को बजट पेश करती है. इस बार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट 2024 पेश करने वाली हैं. बीते साल आम बजट पेश किया था. यहां हम जानने वाले हैं कि अंतरिम बजट कब पेश किया जाता है और घाटा बजट का क्या मतलब है. इसके अलावा यह भी जानेंगे कि बजट कितने प्रकार का होता है.
आसान भाषा में कहें तो बजट एक तरह से अनुमानित आमदनी और अनुमानित खर्च का ब्यौरा होता है. इसे और आसानी से ऐसे समझिए कि जिस तरह से आप हर महीने अपने घर का बजट बनाते हैं कि कितनी आमदनी है और कितना खर्च करेंगे. इसी तरह सरकार का बजट भी होता है. सरकारी बजट आम तौर पर एक वर्ष के लिए आमदनी और लागत की रूपरेखा होती है. सरकार के बजट की समयसीमा 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के लिए निर्धारित होती है.
बजट मुख्य रूप से 3 तरह के होते हैं
यह बजट इस विचार पर आधारित होता है कि सरकार का खर्च उसकी आमदनी से अधिक नहीं होना चाहिए. इस तरह का बजट तब लाया जाता है जब आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है और फिजूलखर्ची या अतिरिक्त खर्च रोकना होता है. इस तरह के बजट आगामी संकट या विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए लाए जाते हैं.
इस तरह के बजट का मतलब है कि आपका राजस्व अधिक है और खर्च उससे कम है. इसका मतलब है कि जन कल्याणकारी योजनाओं पर किए गए खर्च की तुलना में सरकार की टैक्स के जरिए होने वाली आय अधिक है. इस तरह के बजट से योजनाओं के बकाया का भुगतान किया जाता है और बैंकों के ब्याज का भुगतान किया जाता है. इससे अर्थव्यवस्था को मदद मिलती है.
इसका सीधा मतलब है कि आय की तुलना में खर्च अधिक होना, ऐसी स्थिति में घाटा बजट लाया जाता है. इससे रोजगार दर में सुधार होता है. इस तरह के बजट से मंदी के समय अर्थव्यवस्था को पटरी पर बनाए रखने में मदद मिलती है.
अनुपूरक बजट का मतलब है कि अतिरिक्त राशि की जरूरत पड़ना. यह बजट वित्त वर्ष के बीच में किसी विभाग या मंत्रालय की किसी योजना में अतिरिक्त राशि खर्च करने के लिए लाया जाता है. अनुपूरक बजट खर्च अनुमान के साथ संसद के पटल पर रखा जाता है.
अंतरिम बजट उस साल लाया जाता है, जिस साल लोकसभा चुनाव होने होते हैं.
अंतरिम बजट में किसी नई योजना की शुरुआत नहीं की जाती है और पहले से चल रही योजनाओं के लिए जरूरी राशि दी जाती है.
यह एक तरह का छोटा बजट होता है. यह बजट तब तक मान्य होता है जब तक चुनाव के बाद नई सरकार सत्ता संभाल नहीं लेती.
जबकि, अन्य वित्त वर्ष में आम बजट या पूर्ण बजट पेश किया जाता है, जिसे सालाना बजट भी कहा जाता है.
आगामी 1 फरवरी 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने जा रही हैं. यह बजट अगले वित्तीय वर्ष के लिए यानी 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक अनुमानित आमदनी और खर्च का ब्यौरा होगा. 2023-24 के लिए सरकार ने करीब 45 लाख करोड़ अनुमानित खर्च का बजट पेश किया था. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार यानी अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार 49 लाख करोड़ अनुमानित खर्च का बजट पेश करने की संभावना है.
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