scorecardresearch
Budget 2024: तिलहन-दलहन फसलों की 100 फीसदी खरीद MSP पर करने की तैयारी, PM-AASHA स्कीम में बदलाव करेगी सरकार! 

Budget 2024: तिलहन-दलहन फसलों की 100 फीसदी खरीद MSP पर करने की तैयारी, PM-AASHA स्कीम में बदलाव करेगी सरकार! 

सरकार बजट में दलहन और तिलहन फसलों की 100 फीसदी खरीद एमएसपी पर करने की घोषणा कर सकती है. इसके लिए अन्नदाता संरक्षण अभियान के तहत PM AASHA स्कीम में सरकार बदलाव कर सकती है. इसके अलावा तिलहन खरीद लिमिट को हटाने की भी तैयारी चल रही है.

advertisement
केंद्र सरकार ने साल 2018 से पीएम-आशा की शुरुआत की थी. केंद्र सरकार ने साल 2018 से पीएम-आशा की शुरुआत की थी.

Budget 2024: केंद्र सरकार आगामी 23 जुलाई को पूरक बजट पेश करने वाली है. इस बजट में फसलों की MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है. कहा गया है कि सरकार बजट में दलहन और तिलहन फसलों की 100 फीसदी खरीद एमएसपी पर करने की घोषणा कर सकती है. इसके लिए अन्नदाता संरक्षण अभियान के तहत PM AASHA स्कीम में सरकार बदलाव कर सकती है. इसके अलावा तिलहन खरीद लिमिट को हटाने की भी तैयारी चल रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री दालों की 100 फीसदी खरीद एमएसपी पर करने को लेकर पहले ही संकेत दे चुके हैं. अब बस बजट में ऐलान करने की देर है. 

आगामी केंद्रीय बजट 2024-25 के में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) में बदलाव किए जाने की संभावना है. इसमें दलहन और तिलहन के लिए 100 फीसदी डायरेक्ट खरीद या न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय की जाएगी. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बार-बार केंद्र सरकार की 2024-25 के बजट में सभी राज्यों से एमएसपी पर अरहर, उड़द और मसूर की 100 फीसदी खरीद करने पर जोर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार कुछ साल पहले जारी योजना के दिशानिर्देश किसानों की दलहन और तिलहन फसलों की 100 फीसदी खरीद को सीमित करते हैं. 

इससे पहले केंद्र सरकार को प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) योजना के तहत किसी भी मौसम की उपज का 25 फीसदी खरीदना जरूरी था. इस मात्रा से अधिक खरीद करने के इच्छुक राज्यों को अपने संसाधनों का इस्तेमाल करना पड़ता था. बाद में इस लिमिट को बढ़ाकर 40 फीसदी किया गया. हालांकि, 2023-24 सीजन के लिए अरहर, उड़द और मसूर के लिए लिमिट हटा दी गई थी. अब कहा जा रहा है कि खरीद लिमिट को अनलिमिटेड किया जा सकता है. इससे दालों और तिलहन किसानों को भरोसा मिलेगा कि अगर बाजार मूल्य से उपज के दाम नीचे आते हैं तो उनकी पूरी उपज एमएसपी पर खरीदी जाएगी. 

रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया कि तिलहन और दलहन के मामले में एमएसपी से नीचे अधिकतम दाम में गिरावट लगभग 10-15 फीसदी है, जरूरत पर सरकार इसकी भरपाई कर सकती है. कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP ) सालाना 20 से अधिक फसलों के एमएसपी को तय करता है.

दलहन और तिलहन खरीद लिमिट हटाने का सुझाव

कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP ) आयोग ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में दालों के लिए बिना लिमिट वाली खरीद और तिलहन के लिए मूल्य कमी योजना (PDS) को बढ़ाने की सिफारिश की है. आयोग ने सिफारिश में कहा कि किसानों के लिए लाभकारी मूल्य पक्का करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत अरहर, उड़द और मसूर के लिए 40 फीसदी की खरीद लिमिट को 2023-24 के लिए हटा दिया गया है, इसे अगले दो-तीन सत्रों के लिए बढ़ाया जाना चाहिए.

फसल रकबा बढ़ाने के लिए लाभकारी मूल्य देना होगा

आयोग ने यह भी कहा कि पिछले कुछ दशकों में खाद्य तेलों के लिए आयात पर भारत की निर्भरता बढ़ी है. अब घरेलू खपत का लगभग 60 फीसदी आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है. इस निर्भरता को कम करने के लिए तिलहन की खेती को बढ़ावा देने, पैदावार में सुधार करने और तिलहन किसानों को लाभकारी मूल्य तय करने की जरूरत है.

स्टॉकिस्ट योजना के जरिए निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ेगी  

आयोग ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन को सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी और मूंगफली जैसे प्रमुख तिलहन फसलों तक फैलाने का सुझाव दिया. ताकि इनकी खेती करने वाले किसानों को सही कीमत मिल सके. इसके अलावा मूल्य न्यूनतम भुगतान योजना (PDPS) और PM AASHA के तहत निजी खरीद और स्टॉकिस्ट योजना (PPSS) के पायलट के तहत खरीद कार्यों में अधिक निजी क्षेत्र की भागीदारी पर जोर दिया. 

केंद्र सरकार ने साल 2018 से पीएम-आशा की शुरुआत की थी. इसके तहत दलहन, तिलहनों और खोपरा के लिए PSS, तिलहन के लिए PDPS और PPSS पायलट शामिल हैं. जबकि इस योजना ने कुछ सालों में दालों के बफर स्टॉक को कुछ सौ हजार टन से बढ़ाकर लगभग 20 लाख टन करने में मदद की है. लेकिन, इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. 

ये भी पढ़ें -