अंतरिम बजट कल 1 फरवरी 2024 को पेश होने जा रहा है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करेंगी. जानकारों का भी मानना है कि सरकार पेंशन योजना में रियायत देने के साथ ही कृषि उद्यम को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त रकम जारी कर सकती है. कृषि उद्यम को बढ़ावा मिलने से किसानों की फसलों को सही दाम मिलने की संभावना को बल मिलेगा और फसल बर्बादी कम होगी. वहीं, मेडिक्लेम प्रीमियम लिमिट बढ़ाए जाने की भी संभावना है.
अंतरिम बजट से लोगों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री राष्ट्रीय पेंशन योजना यानी NPS में जमा रकम को निकासी के समय टैक्स से बचाने के लिए 80C में शामिल कर सकती है. वहीं, वेतन पाने वाले कर्मचारियों को होम लोन के भुगतान के लिए सेक्शन 80सी की निवेश सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद है. वहीं, 80डी में मेडिक्लेम के प्रीमियम की लिमिट भी बढ़ाए जाने की उम्मीद है.
बजट में राष्ट्रीय पेंशन योजना को लेकर सरकार बड़ी राहत देने का एलान कर सकती है. दरअसल, मौजूदा समय में NPS से 60 फीसदी तक रकम निकालने पर टैक्स नहीं लगता है. मैच्योरिटी पूरा होने पर 60 फीसदी रकम तक निकालने की अनुमति दी जाती है. बाकी 40 फीसदी रकम से एन्युटी ली जाती है. लेकिन ये एन्युटी टैक्स के तहत आती है और मांग है कि इसे टैक्स छूट के तहत लाया जाए. वहीं, आम टैक्सपेयर के साथ ही सरकार फंडिंग संकट का सामना कर रहे स्टार्टअप सेक्टर को भी राहत देने के लिए टैक्स छूट से जुड़े कुछ एलान कर सकती है.
भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट की फाउंडिंग और मैनेजिंग ट्रस्टी लक्ष्मी वेंकटरमन ने अंतरिम बजट को लेकर कहा कि कृषि आधारित उद्यम को रणनीतिक दृष्टि से बढ़ाना या उन्नतशील बनाना जरूरी है. ग्रामीण उद्यमशीलता में महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक विकास की संभावनाएं हैं. इससे खासकर ग्रामीण क्षेत्र में रोजगारसृजन, गरीबी उन्मूलन, पोषकतत्वों में सुधार, बेहतर स्वास्थ्य तथा उन्नत खाद्य सुरक्षा के अवसर बन सकते हैं तथा ऐसा करके उनको मजबूती दी जा सकती है. ऐसा करके लोगों का जीवनस्तर बेहतर किया जा सकता है. कृषि संसाधनों में वृद्धि के साथ महत्वपूर्ण छूट देकर, अनुदान तथा कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराकर इस कार्य को किया जा सकता है.
लक्ष्मी वेंकटरमन ने कहा कि श्रीअन्न के अंतर्गत आने वाली फसलें गेहूं का विकल्प हो रही हैं. छोटे-छोटे ग्रामीण उद्यम इस रुझान को उन्नत तथा लाभकारी बना सकते हैं. ऐसे में कृषि प्रौद्योगिकी का भविष्य बेहतर है. इससे नए उत्पाद के साथ नई सेवाएं विकसित की जा सकती हैं. किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए हमें कृषि प्रॉसेसिंग यूनिट को मजबूत करना होगा, क्योंकि फसल कटने के समय इसके अभाव में किसान अपनी फसल को न्यूनतम दर पर बेचने को मजबूर होते हैं. कृषि प्रॉसेसिंग यूनिट को मजबूत करके हम उनको इस क्षति से भी बचा सकते हैं.
ये भी पढ़ें -
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today