'किसानों की आड़ में कुछ लोग सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं', केंद्रीय मंत्री खट्टर ने कहा

'किसानों की आड़ में कुछ लोग सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं', केंद्रीय मंत्री खट्टर ने कहा

खट्टर ने कहा, (राज्य) सीमा पर पंजाब जाने वाला रास्ता बंद है...हमने इस रास्ते को खोलने की पूरी योजना बनाई थी. लेकिन उस तरफ बैठे लोग किसान नहीं हैं. किसानों की आड़ में कुछ लोग हैं जो व्यवस्था को बिगाड़ना चाहते हैं और सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं...आप भी जानते हैं कि वे कौन हैं.

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'किसानों की आड़ में कुछ लोग सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं', केंद्रीय मंत्री खट्टर ने कहाकेंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर

केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को हरियाणा पंजाब बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए कहा कि जो लोग ये विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वे किसान नहीं हैं और सुप्रीम कोर्ट जल्द ही ऐसे लोगों को सीमा पार करने से रोकने के लिए फैसला सुनाएगा. खट्टर ने हरियाणा के अंबाला में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "एक बड़ा मुद्दा है. (राज्य) सीमा पर पंजाब जाने वाला रास्ता बंद है...हमने इस रास्ते को खोलने की पूरी योजना बनाई थी. लेकिन उस तरफ बैठे लोग किसान नहीं हैं. किसानों की आड़ में कुछ लोग हैं जो व्यवस्था को बिगाड़ना चाहते हैं और सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं...आप भी जानते हैं कि वे कौन हैं...आज हरियाणा के लोग खुश हैं कि उन्होंने ऐसे लोगों को राज्य में पैर नहीं रखने दिया.." 

उन्होंने कहा, "हम कोर्ट गए और दूसरे पक्ष के लोगों ने भी अपना पक्ष रखा. अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई है और वे इस बात पर निर्णय ले रहे हैं कि समाधान कैसे निकाला जाए. कमेटी उनसे एक हलफनामा भी लिखवाएगी, ताकि जो लोग खुद को किसान कहते हैं, वे अपनी सीमा न लांघें और अगर ऐसा कुछ होता है तो कोर्ट उसका संज्ञान लेगा. सुप्रीम कोर्ट स्वतंत्र रूप से इस पर काम कर रहा है और लोगों की सुविधा को ध्यान में रखेगा."

क्या कहा खट्टर ने?

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शंभू बॉर्डर पर किसानों पर फायरिंग की घटना पर कहा कि यह किसानों के नाम पर एक मुखौटा है, क्योंकि खेती कैसे होती और कैसे अच्छी खेती कर आदमनी बढ़ाएं, किसान का ये काम होता है. कृषि कानूनों पर उन्होंने कहा, किसान तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें वापस ले लिया, यह पीएम मोदी की महानता है. खट्टर ने कहा, पीएम को लगा कि इतना विरोध हो रहा है इसलिए उन्होंने कानून वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि जब तीनों कृषि कानून वापस हो गए तो कोई मुद्दा नहीं रह गया. 

पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब उनकी ही पार्टी की मंडी सांसद कंगना रनौत ने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. कंगना रनौत के इस बयान पर विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं. किसान संगठनों ने रनौत के बयान का विरोध किया है. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर (शंभू बॉर्डर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं) ने खट्टर के बयान की निंदा की. उन्होंने कहा, "यह सिर्फ किसानों के विरोध से ध्यान हटाने और चुनाव के लिए कहा गया है, हरियाणा चुनाव में लोग खट्टर और बीजेपी को दिखा देंगे."

बयान पर विरोध

पंधेर ने कंगना रनौत के बयान पर कहा, कंगना पर कार्रवाई होनी चाहिए, उनकी पार्टी को उनकी टिप्पणियों पर कार्रवाई करनी चाहिए. भले ही पीएम ने माफी मांगी हो और कानून वापस लिए हों, वह बीजेपी सांसद हैं, उन्हें व्यक्तिगत सुझाव नहीं देने चाहिए. पंधेर ने कहा, अगर ऐसा है तो पार्टी को कार्रवाई करनी चाहिए.

कंगना के बयान पर किसान नेता हरिंदरपाल लखोवाल ने कहा, कंगना पर उनके द्वारा की गई टिप्पणियों के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. यह बीजेपी की साजिश है कि कंगना टिप्पणी करती हैं और बीजेपी इसे व्यक्तिगत राय बताती है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने किसानों के लिए जो कहा वह दुर्भाग्यपूर्ण है.

 

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