विधानसभा चुनावों के लिए जम्‍मू कश्‍मीर की छोटी पार्टियों पर हैं गुलाम नबी आजाद की नजरें! 

विधानसभा चुनावों के लिए जम्‍मू कश्‍मीर की छोटी पार्टियों पर हैं गुलाम नबी आजाद की नजरें! 

75 साल के आजाद ने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे संबंध को खत्‍म करने के बाद सितंबर 2022 में डीपीएपी का गठन किया था. हालांकि, डीपीएपी अपने पहले राजनीतिक परीक्षण में विफल रही और इसके सभी तीन लोकसभा उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई. आजाद ने पार्टी को नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी जैसी क्षेत्रीय ताकतों के लिए एक विकल्प के तौर पर पेश करने का सपना संजोया है.

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विधानसभा चुनावों के लिए जम्‍मू कश्‍मीर की छोटी पार्टियों पर हैं गुलाम नबी आजाद की नजरें! जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद की चुनावी रणनी‍ति

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की अगुवाई वाली डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) का प्रदर्शन हालिया लोकसभा चुनावों में काफी निराशाजनक था. ऐसे में अब आजाद ने विधानसभा चुनावों के लिए एक नई रणनीति बनाई है. पार्टी उन नेताओं के साथ गठबंधन करने की योजना बना रही है, जो दूसरों के साथ गठबंधन में नहीं हैं या हाल ही में अपनी पार्टियों से अलग हुए हैं. जम्‍मू कश्‍मीर में 18 सितंबर से विधानसभा चुनावों का आगाज होगा. 10 साल बाद हो रहे चुनावों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. 

लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन 

75 साल के आजाद ने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे संबंध को खत्‍म करने के बाद सितंबर 2022 में डीपीएपी का गठन किया था. हालांकि, डीपीएपी अपने पहले राजनीतिक परीक्षण में विफल रही और इसके सभी तीन लोकसभा उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई. आजाद ने पार्टी को नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी जैसी क्षेत्रीय ताकतों के लिए एक विकल्प के तौर पर पेश करने का सपना संजोया है. हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की एक रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा चुनावों के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी में भगदड़ मच गई और कोषाध्यक्ष और पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन समेत आधा दर्जन से ज्‍यादा नेताओं ने पार्टी छोड़ दी. 

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जल्‍द ही होगी उम्‍मीदवारों की घोषणा 

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद आजाद गठबंधन के जरिए पार्टी का आधार मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. डीपीएपी के मुख्य प्रवक्ता सलमान नाजीमी ने पीपुल्स कॉन्‍फ्रेंस या अपनी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया. उन्‍होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष सोच वाले नेताओं से बातचीत चल रही है, जो किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हुए हैं. उनका कहना था कि पार्टी कई दलों और गठबंधनों के संपर्क में हैं और जल्द ही उम्मीदवारों का नाम घोषित कर दिया जाएगा. 

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राशिद इंजीनियर से मिलाएंगे हाथ? 

एक और वरिष्‍ठ नेता और बारामुल्ला नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष उमर काकरू ने कहा कि बातचीत अंतिम चरण में है. उन्‍होंने बताया कि पार्टी की तरफ से गठबंधन की घोषणा होगी और यह एक मजबूत गठबंधन होगा और दोनों क्षेत्रों में सीटें जीतेगा. आजाद के करीबी नेताओं ने कहा कि वे बारामुल्ला के सांसद शेख अब्दुल रशीद उर्फ ​​इंजीनियर रशीद के नेतृत्व वाली आवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में, आजाद की पार्टी ने रशीद का समर्थन किया था, जिन्होंने उमर अब्दुल्ला को दो लाख से अधिक वोटों से हराया और बारामुल्ला में 18 विधानसभा क्षेत्रों में से 14 पर बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे. 

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डीएपी, बीजेपी की सी टीम! 

पार्टी ने कांग्रेस के साथ बातचीत की अफवाहों को खारिज कर दिया है. लोकसभा चुनावों में आजाद की पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद अभी भी उसके पास आधा दर्जन से ज्‍यादा नेता हैं खास तौर पर पूर्व विधायक, जो अपने क्षेत्रों में प्रभाव रखते हैं. हालांकि, दो मुख्य क्षेत्रीय पार्टियां, एनसी और पीडीपी, आजाद की पार्टी पर निशाना साध रही हैं और इसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की 'सी टीम' बता रही हैं. 

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