भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने मंडी सांसद कंगना रनौत के हालिया बयान पर सफाई दी है. बीजेपी ने कहा है कि कंगना रनौत पॉलिसी के मुद्दे पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं. किसान आंदोलन को लेकर कंगना रनौत ने एक दिन पहले बयान दिया था और उसे बांग्लादेश मुद्दे से जोड़ा था. उनके बयान पर भारी विवाद हुआ और किसान संगठनों ने इस पर गहरी नाराजगी जताई. इस नाराजगी को देखते हुए बीजेपी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कंगना रनौत के बयान पर सफाई दी है.
कंगना रनौत के किसान आंदोलन के विरोध में दिए गए बयान पर भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय मीडिया विभाग की ओर से प्रेस रिलीज जारी की गई है. इसमें कंगना रनौत को पॉलिसी से जुड़े मुद्दे पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं बताया गया है.
प्रेस रिलीज में लिखा गया है, भाजपा सांसद सुश्री कंगना राणावत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान पार्टी का मत नहीं है. भारतीय जनता पार्टी सुश्री कंगना राणावत के बयान से असहमति व्यक्त करती है. पार्टी की ओर से पार्टी के नीतिगत विषयों के लिए सुश्री कंगना राणावत को न तो अनुमति है और न ही बयान देने के लिए अधिकृत हैं.
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बीजेपी ने कहा है, भारतीय जनता पार्टी की ओर से सुश्री कंगना राणावत को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें. भारतीय जनता पार्टी 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयाक' और सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्पित है.
कंगना रनौत ने कहा था कि अगर मोदी सरकार नहीं होती तो किसान आंदोलन से देश में बांग्लादेश जैसे ऐसे हालात बन जाते. एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए कंगना ने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में "लाशें लटकी हुई देखी गईं और बलात्कार हो रहे थे."
कंगना ने अपने बयान में 'स्वार्थी' और "विदेशी शक्तियों" को कानूनों को वापस लिए जाने के बाद भी विरोध प्रदर्शन जारी रहने के लिए दोषी ठहराया. कंगना ने कहा, "बांग्लादेश में जो हुआ, वह आसानी से यहां भी हो सकता था... ये विदेशी शक्तियों की एक साजिश है और ये फिल्मी लोग इसी पर फलते-फूलते हैं. उन्हें परवाह नहीं है कि देश बर्बाद हो जाए."
एक दिन पहले रविवार को बीजेपी नेता हरजीत गरेवाल ने भी कंगना के बयान पर आपत्ति जताई थी. गरेवाल ने कहा, कंगना का विभाग नहीं है किसानों पर बोलना. कंगना का बयान निजी है. प्रधानमंत्री और भाजपा किसान हितैषी हैं, जो विरोधी पार्टियां हमारे ख़िलाफ़ काम कर रही हैं, वैसा ही काम कंगना के बयान कर रहे हैं. उनको यह बयान नहीं देने चाहिए. सेंसिटिव या धार्मिक मसलों पर धार्मिक संस्थाओं और सेंसर बोर्ड को देखना चाहिए, एक दूसरे की राय लेनी चाहिए, लेकिन कंगना रनौत को बयानबाज़ी से गुरेज़ करना चाहिए.
दूसरी ओर, कंगना के किसानों को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद किसानों ने उनके इस बयान की निंदा की है. वही मानसा में किसान नेता उर्दू सिंह मानसा ने कहा कि कंगना रनौत फिल्म अदाकारा नहीं बल्कि एक राजनेता हैं और वह जहां से जीत कर आई हैं, उन लोगों की समस्याएं संसद में उठाएं और उन्हें ऐसे विवादित बयान नहीं देने चाहिए. किसान नेता ने कहा कि संसद में किसानों की मांगों को लेकर उन्हें अपने प्रधानमंत्री के सामने किसानों की आवाज बुलंद करनी चाहिए, लेकिन देश के लिए ऐसे विवादित बयान नहीं देने चाहिए.
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उन्होंने कहा कि कंगना रनौत की ओर से पहले भी ऐसे बयान दिए गए हैं जिसकी किसानों ने निंदा की है. ऐसे बयान देना उनको शोभा नहीं देते. उन्होंने कहा कि कंगना रनौत असल में अपनी फिल्म को लेकर ऐसे विवादित बयान दे रही हैं ताकि लोग उनकी फिल्म देखें, लेकिन लोग उनकी इस फिल्म को नहीं देखेंगे और पंजाब में यह फिल्म नहीं चलनी चाहिए. उर्दू सिंह मानसा ने कहा कि कंगना रनौत और केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू केंद्र की सरकार के ऐसे बंदर हैं जो जैसे मदारी उन्हें बोलता है, वैसे ही वह आगे बोलते हैं.
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