पंजाब और हरियाणा के किसानों ने इस बार बासमती चावल की बंपर बुवाई की है. किसान नेता ने सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र सरकार के बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य घटाने की मांग की है. इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को तमिलनाडु जाने के लिए विमान में चढ़ने से रोके जाने की निंदा की. पंढेर ने कहा कि 31 अगस्त को किसान सम्मेलन होने जा रहा है, जिसमें देशभर के किसानों को बुलाया गया है. सम्मेलन में किसान आंदोलन, बासमती चावल की कीमत, फसलों पर एमएसपी समेत अन्य मुद्दों पर मंथन होगा और आगे की रणनीति स्पष्ट की जाएगी.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में किसान 13 फरवरी 2024 से आंदोलन कर रहे हैं. वर्तमान में पंजाब के शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर किसानों ने डेरा डाल रखा है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के तमिलनाडु में प्रस्तावित बैठक में जाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर चढ़ने से रोके जाने पर किसानों ने नाराजगी जताई है. नाराज किसानों ने सोमवार को शंभू बॉर्डर पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान नेता को प्लेन में चढ़ने से रोकना सरकार की किसान विरोधी मंशा को जाहिर करता है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ऐसे ही करती रही तो किसान संगठन भी सख्त निर्णय लेंगे.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान आंदोलन को 31 अगस्त को 200 दिन पूरे हो रहे हैं. इस दौरान किसान सम्मेलन प्रस्तावित है, जिसके लिए तैयारियां की जा रही हैं और देशभर से किसानों को भारी संख्या में शंभू बॉर्डर समेत दूसरे मोर्चों पर जुटने की अपील की गई है. किसान सम्मेलन में फसलों की एमएसपी, बासमती चावल मूल्य समेत अन्य मुद्दों पर मंथन किया जाएगा और आंदोलन की आगे की रणनीति पर निर्णय लिया जाएगा.
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि केंद्र सरकार की नयी नीति के कारण बासमती के किसानों के लिये बड़ा खतरा पैदा हो गया है. उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के कहने पर इस बार पिछली बार से 17 फीसदी अधिक बासमती धान की बुवाई की गई है. पंजाब में किसानों ने लगभग 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र इस बार बासमती की बुवाई की है. पंजाब के मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि सुपर फाइन किस्मों का रेट 2300 से कम नहीं होने देंगे. इसके चलते चावल की उन्नत किस्मों 1509, 1692, 1718, 1121 आदि की ज्यादा बुवाई की गई है.
किसान नेता ने कहा कि अभी तक हरियाणा और पंजाब में किसानों का बासमती चावल का दाम 2200 और 2400 के बीच रहा है. इससे किसानों को प्रति क्विंटल 1600 से 1800 का नुकसान हो रहा है. इसकी वजह केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीति है. बासमती निर्यात के लिए शिपमेंट पर न्यूनतम निर्यात मूल्य 950 डॉलर प्रति टन है. किसान नेता ने कहा कि पाकिस्तान के पंजाब के बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य 750 डॉलर है. इसके चलते पाकिस्तानी बासमती चावल की वैश्विक बाजार में बिक्री ज्यादा हो रही है. सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य 700 डॉलर प्रति टन किया जाए, ताकि किसानों को मंडी में उचित दाम मिले.
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