यूपी के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने लखनऊ स्थित किसान बाजार में मंगलवार को योगी सरकार के महत्वाकांक्षी 'नन्द बाबा दुग्ध मिशन' का आगाज किया. सिंह ने कहा कि इस मिशन का मकसद दुग्ध उत्पादक डेयरी किसानों को गांवों में ही दूध का उचित मूल्य दिलाया जाना है. इससे न केवल पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों की आय में बढ़ोतरी होने के साथ प्राकृतिक खेती से भी किसानों काे जोड़ने का मकसद पूरा हो सकेगा. सिंह ने इस दौरान 'दुग्ध विकास पोर्टल' का लोकार्पण करते हुए नन्द बाबा मिशन का लोगो भी जारी किया. उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर में किसानों के लाभ की संभावनाओं को देखते हुए सरकार इस क्षेत्र को डिजिटल तकनीक से जोड़कर डेयरी किसानों को बाजार श्रृंखला का हिस्सा बनाना चाहती है. जिससे इस क्षेत्र को बिचौलियों से मुक्ति देकर डेयरी किसानों काे दुग्ध उत्पाद का पूरा मूल्य मिल सके.
सिंह ने कहा कि दुग्ध विकास एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में यूपी देश का अग्रणी राज्य है. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप इस स्थिति को बनाये रखने के लिए सरकार ने 1000 करोड़ रुपये की लागत से 'नन्द बाबा दुग्ध मिशन' की शुरुआत की गयी है.
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सिंह ने इस मिशन की शुरुआत करते हुए लखनऊ में विभूति खंड स्थित किसान बाजार में नन्द बाबा दुग्ध मिशन के कार्यालय का उद्घाटन किया. इस मिशन के तहत डेयरी क्षेत्र में डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने ‘दुग्ध विकास पोर्टल’ का भी लोकार्पण किया. इस मौके पर सिंह ने नन्द बाबा मिशन का लोगो जारी किया.
सिंह ने कहा कि योगी सरकार दुग्ध विकास विभाग के माध्यम से गौ-संवर्धन को प्राथमिकता के आधार पर प्रोत्साहित कर रही है. इसका मकसद यूपी की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में डेयरी किसानों की भूमिका तय करते हुए उन्हें दूध का लाभकारी मूल्य दिलवाना एवं कृषि आधारित ढांचा सुदृढ़ करने में डेयरी क्षेत्र का योगदान सुनिश्चित करना है.
उन्होंने कहा कि डेयरी व्यवसाय ही ग्रामीण क्षेत्र में आय का अतिरिक्त लाभप्रद साधन है. इसके मद्देनजर मिशन के तहत डेयरी किसानों को गांव में ही उचित मूल्य पर दूध बेचने की सुविधा प्रदान करने के लिए डेयरी किसान उत्पादक संगठन यानी Dairy FPO का गठन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 5 जनपदों में 5 डेयरी एफपीओ गठित किये जाएंगे. इनमें महिलाओं की प्रमुख भूमिका होगी. गौरतलब कि पिछले 3 सालों से बुंदेलखंड में बलिनी दुग्ध उत्पादक कंपनी के माध्यम से महिला डेयरी किसानों द्वारा सहकारिता पर आधारित समूह में डेयरी कारोबार का सफल प्रयोग किया गया. अब इस प्रयोग को प्रदेश के अन्य इलाकों में लागू किया जा रहा है. इसके साथ ही 5 अन्य डेयरी एफपीओ का गठन कर इस प्रयोग को दोहराया जाएगा.
सिंह ने कहा कि नन्द बाबा मिशन के तहत डेयरी एफपीओ के किसानों को अन्य प्रदेशों से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय खरीदने और गोवंश की नस्ल सुधार के लिए प्रगतिशील पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरे प्रदेश में गौ पालकों का व्यापक पैमाने पर डाटाबेस बनाया जाएगा.
इसके लिए मिशन के तहत विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए प्रदेश स्तर पर राज्य के मुख्य सचिव एवं जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समितियां गठित की गयी हैं.
उन्होंने बताया कि मिशन के तहत डेयरी किसानों को गोवंश के रोग एवं स्वास्थ्य परीक्षण की किट के साथ प्रजनन टेस्ट किट एवं दूध में मिलावट का पता लगाने वाली टेस्टिंग किट भी दी जाएगी. इसके अलावा डेयरी किसानों के समूह को पशु चारा एवं टोटल मिक्सड राशन (टीएमआर) बनाने की यूनिट लगाने पर अनुदान दिया जाएगा. जिससे डेयरी किसान इसे एक उद्योग के तौर पर स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें.
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इस अवसर पर मौजूद विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ. रजनीश दुबे ने कहा कि डेयरी सेक्टर में नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यूपी में निवेश की अपार संभावना है. ऐसे में डेयरी सेक्टर के सभी हितधारकों का अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए यूपी दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 लागू की जा चुकी है.
उन्होंने कहा कि इस नीति का मकसद डेयरी क्षेत्र में यूपी की वार्षिक वृद्धि दर को 25 प्रतिशत से अधिक के स्तर पर ले जाना है. डॉ दुबे ने कहा कि इस मकसद को पूरा करने में यह मिशन सहायक सिद्ध होगा.
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