Artificial Insemination: गाय-भैंस ही नहीं भेड़-बकरी का कृत्रिम गर्भाधान कराने के ये हैं 5 बड़े फायदे, पढ़ें डिटेल  

Artificial Insemination: गाय-भैंस ही नहीं भेड़-बकरी का कृत्रिम गर्भाधान कराने के ये हैं 5 बड़े फायदे, पढ़ें डिटेल  

AI in Milch Animal कृत्रिम गर्भाधान एक-दो नहीं कई मायनों में पशुपालकों के लिए फायदेमंद है. प्राकृतिक गर्भाधान के मुकाबले ये सस्ता और सुराक्षि‍त भी होता है. कृत्रिम गर्भाधान को अपनाने से फार्म स्टॉक में जननांग और गैर-जननांग दोनों तरह की बीमारियों में काफी कमी आ जाती है. पशुओं की नस्ल में सुधार आता है. इतना ही नहीं पशु का दूध उत्पादन भी बढ़ जाता है. 

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Artificial Insemination: गाय-भैंस ही नहीं भेड़-बकरी का कृत्रिम गर्भाधान कराने के ये हैं 5 बड़े फायदे, पढ़ें डिटेल  सेक्स सॉर्टेड सीमेन

AI in Milch Animal कृत्रिम गर्भाधान (AI) का आंकड़ा अब करोड़ों में पहुंच गया है. एआई गाय-भैंस और भेड़-बकरियों को कृत्रिम तरीके से गाभि‍न कराने की एक तकनीक है. इस तकनीक की मदद से पशुपालक अपनी मर्जी से अपनी पसंद का बच्चा पैदा करवा रहे हैं. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो इस तकनीक के तहत नर पशु के वीर्य को मादा पशु के हीट में आने पर उपकरणों की मदद से ट्रांसफर किया जाता है. एआई तकनीक के तहत नर पशु के वीर्य को कई-कई दिन नहीं महीनों तक नाइट्रोजन के सिलेंडर में सुराक्षि‍त रखा जा सकता है. बिना किसी जोखि‍म के एक शहर से दूसरे शहर और दूसरे राज्यों तक भी भेजा जा सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि एआई कराने के बहुत फायदे हैं. 

इससे जहां पशुपालन की लागत कम हो रही है, वहीं पशु नस्ल सुधार के साथ-साथ दूध उत्पादन भी बढ़ रहा है.  प्राकृतिक गर्भाधान के मुकाबले पशुपालकों के बीच में कृत्रिम गर्भाधान बढ़ रहा है. एक स्टडी बताती है कि अगर उचित तापमान बनाए रखते हुए वीर्य को रखा जाए तो एक लम्बे वक्त तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. 

एआई के ये हैं 5 बड़े फायदे 

ब्रीडर बैल की उपभोग क्षमता बढ़ जाती है 

जब एक ब्रीडर बैल प्राकृतिक तरीके से किसी भी पशु को गाभि‍न करता है तो उस दौरान बैल के द्वारा छोड़ा गया वीर्य सिर्फ उस एक मादा के ही काम आता है. और इस दौरान बैल के साथ-साथ मादा पशु को भी शारीरिक परेशानी उठानी पड़ती है. जबकि एआई तकनीक की मदद से उस एक बार के वीर्य से दर्जनों पशुओं को गाभि‍न किया जा सकता है. और ऐसा करने पर न तो बैल और न ही मादा पशु को किसी भी तरह की परेशानी होती है. साथ ही संख्या में कम किसी खास नस्ल के बैल का वीर्य कई वर्ष तक के लिए स्टोर भी किया जा सकता है. 

नस्ल सुधार की संभावना बढ़ जाती है 

जो बैल और मादा पशु अच्छा उत्पादन और प्रदर्शन करते हैं तो उनके कुनबे को बढ़ाने की संभावना ज्यादा हो जाती है. इस तरह से ज्यादा दूध देने वाली मादा और अच्छी बॉडी ग्रोथ वाले बैल का वीर्य इस्तेमाल कर नस्ल सुधार की संभावना को बढ़ाया जा सकता है. 

लागत में कमी

एक ब्रीडर बैल को पालने में बहुत खर्च आता है. अच्छी खुराक पर खर्च के साथ-साथ उसकी देखभाल पर भी मोटी रकम खर्च होती है. जबकि एआई की मदद से बहुत ही कम खर्च में अपनी गाय-भैंस को गाभि‍न कराया जा सकता है. 

पशुओं और पशुपालकों का कम हो जाता है जोखि‍म 

एक ब्रीडर बैल बहुत ही खतरनाक हो जाता है. आकार और वजन में भी बहुत ज्यादा होता है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो ब्रीडर बैल स्वाभाव से काफी खूंखार हो जाते हैं. कई बार तो ये अपने पशुपालक को ही घायल कर देते हैं. हर वक्त इनके हमले का रिस्क बना रहता है. वहीं प्रजनन के दौरान एक बैल मादा पशुओं को भी नुकसान पहुंचाते हैं. 

बीमारी के संक्रमण से बचाव 

प्राकृतिक तरीके से प्रजनन होने पर नर और मादा पशु के बीच यौन रोगों के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है. इतना ही नहीं अगर ब्रीडर बैल को कोई और बीमारियां हैं तो मादा पशु में उनका भी खतरा बढ़ जाता है. जबकि इस मामले में एआई सबसे सुराक्षि‍त है. 

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