Uttar Pradesh News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शनिवार को पशुओं में लंपी वायरस (Lumpy Skin Disease) से बचाव के प्रबंधन की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. सीएम योगी ने कहा कि हाल के दिनों में गोवंश पर लंपी वायरस का दुष्प्रभाव देखने को मिला है. इस संक्रमण के कारण कई राज्यों में व्यापक पशुधन हानि हुई है. प्रदेश में इसके प्रसार को रोकने के लिए हमें मिशन मोड में काम करना होगा. स्थिति सामान्य होने तक प्रदेश में पशुमेलों का आयोजन स्थगित रखा जाए. उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय पशु परिवहन पर रोक लगाई जाए. पशुपालकों को संक्रमण के लक्षण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी जाए. वहीं गोआश्रय स्थलों में अनावश्यक लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया जाए.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि लंपी वायरस से सुरक्षा के लिए पशु टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जाना जरूरी है. टीके की उपलब्धता के लिए. यह मच्छर इत्यादि से फैलने वाला वायरस है, ऐसे में ग्राम्य विकास, नगर विकास और पशुपालन विभाग परस्पर समन्वय से गांव व शहरों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए. किसी भी दशा में संक्रमण का प्रसार न हो. सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि लंपी वायरस से संक्रमित गोवंश, स्वस्थ हुए गोवंश और गैर संक्रमित गोवंश के लिए पृथक बाड़े की व्यवस्था की जाए. निराश्रित गोवंश स्थलों, कान्हा उपवनों के साथ-साथ आम पशुपालकों को भी इस बारे में जागरूक किया जाए.
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योगी ने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण की दिशा में सतत प्रयासों के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं. वर्तमान में 6889 निराश्रित गोवंश स्थलों में 11.89 लाख गोवंश संरक्षित हैं. इनके साथ-साथ गोवंश संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहभगिता योजना के भी आशातीत परिणाम मिले हैं. अब तक 1 लाख 85 हजार से अधिक गोवंश इस योजना के तहत गो-सेवकों को सुपुर्द किए गए हैं. निराश्रित गोवंश स्थलों तथा गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को गोवंश के भरण-पोषण के लिए वर्तमान में 30 रुपये प्रति गोवंश की दर से धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है. अब इसे बढाकर 50 रुपये प्रति गोवंश किया जाए. इस संबंध में कोई भी बकाया अवशेष न रहे.
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशु संवर्धन, संरक्षण के लिए सेवाभाव के साथ सतत प्रयासरत है. गोवंश सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं. पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए.
बता दें कि लंपी वायरस एक वायरल त्वचा रोग है जो मुख्य रूप से जानवरों को प्रभावित करता है. यह खून चूसने वाले कीड़ों, जैसे मक्खियों, मच्छरों की कुछ प्रजातियों और किलनी से फैलता है. लंपी के शुरुआती लक्षण में पशुओं को बुखार हो जाना, त्वचा पर गांठ पड़ जाती है. जानवरों को भूख नहीं लगती, नाक बहने लगती है और आंखों से पानी आने लगता है. इसके अलावा संक्रमित गाय-बैलों में लंबे समय तक बांझपन की समस्या भी देखी और मौत भी हो सकती है.
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