उत्तर प्रदेश में निराश्रित गोवंशों यानी छुट्टा पशु किसानों की फसल को लगातार नुकसान पहुंच रहे हैं. ऐसे ही 10 हजार मवेशियों को बीते 10 दिनों में सहारा मिला है. असल में प्रदेश में 6000 से ज्यादा गोआश्रय स्थल संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 10 लाख के करीब निराश्रित गोवंश संरक्षित है. वहीं इस दिशा में उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह के निर्देश पर निराश्रित गोवंश संरक्षण कार्य का विशेष अभियान 20 जनवरी से लेकर 30 जनवरी तक संचालित किया गया, जिसके तहत 10 दिनों में प्रदेश के 30000 निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थलों में संरक्षित किया गया.
गौ संरक्षण कार्यों को निर्धारित अवधि के भीतर पूर्ण करने के लिए मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया था. वहीं वरिष्ठ अधिकारियों को समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए थे.
उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि गोवंशों का संरक्षण एवं संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. इसलिए हमारा उद्देश्य है कि निराश्रित गोवंशों को मात्र गोआश्रय स्थलों पर संरक्षित ही नहीं बल्कि गौशालाओं को आत्मनिर्भर भी बनाना है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पशुधन और दुग्ध विकास विभाग दोनों मिलकर कार्य करना होगा ताकि गोवंशों के माध्यम से दुग्ध उत्पादों को प्रोत्साहन मिले और स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर भी सृजित हो सके. पशुधन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गौ संरक्षण कार्यो के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए. वहां पर चारा ,भूसा प्रकाश, ठंड से बचाव, चिकित्सा, सुरक्षा एवं औषधि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं.
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पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभागीय बजट की समीक्षा की और उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पूर्व विभाग द्वारा वर्तमान बजट में प्रावधान इस धनराशि का सदुपयोग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं. वहीं उन्होंने विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में और तेजी लाने के अधिकारियों के निर्देश दिए. पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे ने पशुधन मंत्री के सामने निराश्रित गोवंश संरक्षण की प्रगति, विभागीय बजट की स्थिति तथा संचालित योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया. वहीं अपर मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया कि निर्धारित अवधि के भीतर गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन विभागीय अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा.
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