उत्तर प्रदेश दूध उत्पादन में दूसरे स्थान पर है. ऐसे में यूपी सरकार दुग्ध उत्पादन में नंबर वन और इसके साथ ही दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए काम कर रही है. इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार एक तरफ तो राज्य में गायों की संख्या बढ़ाने को लेकर काम कर रही है. तो वहीं दूसरी तरफ गौवंश के नस्ल सुधार को लेकर भी काम जारी है. ऐसे में सेक्स शॉर्टेड सीमेन(Sex Sorted Semen) को बढ़ाव दिया जा रहा है. इसी कड़ी में अब यूपी में 100 रुपये के खर्च पर सेक्स शॉर्टेड सीमेन से बछिया के जन्म की गारंटी के साथ ही गौवंशों के नस्लों को भी सुधारा जा सकता है. आइए जानते हैं कि ये सेक्स शॉर्टैड सीमेन तकनीक है क्या, साथ ही जानते हैं कि कैसे 100 रुपये में यूपी में गोवंश नस्ल सुधार किया जा सकता है.
पशुपालन सांख्यिकी रिपोर्ट 2022 के अनुसार वर्तमान में 221.06 मिलियन टन दूध का उत्पादन हो रहा है, जिसमें दूध उत्पादन में राजस्थान पहले स्थान पर है. वहीं 14.93% हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है. उत्तर प्रदेश में दूध उत्पादन में पहले पायदान पर आने के लिए योगी सरकार ने विशेष रणनीति बनाई है, जिसका एक अहम हिस्सा सेक्स शॉर्टेड सीमेन (sex shortened semen) है. गायों के माध्यम से पैदा होने वाली बछिया से दूध उत्पादन बढ़ेगा तो वहीं किसानों की आय भी बढ़ेगी.
ये भी पढ़ें :सड़कों पर पंजाब-हरियाणा के किसान, प्रति एकड़ 50,000 रुपये का मांगा फसल मुआवजा
सेक्स सॉर्टेड सीमेन एक अमेरिकी तकनीक है. अमेरिकी तकनीक पर आधारित इस सीमेन के माध्यम से विदेशों में गायों से बछिया ही पैदा होती है. कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से सेक्स शॉर्टेड सीमेन का उपयोग गायों पर किया जाता है, जिससे 90 फ़ीसदी तक गाय से बछिया होने की गारंटी होती है. श्वेत क्रांति के लिए बछिया का होना जरूरी है. उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग के अपर निदेशक गोधन डॉ.राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के तहत सेक्स शॉर्टेड सीमेन परियोजना शुरू करेगी. दूध उत्पादन बढ़ाने और डेयरी किसानों के मुनाफे में तेजी लाने के लिए मादा बछिया की जरूरत को सुनिश्चित किया जा सके.
सेक्स सॉर्टेड सीमेन के माध्यम से मवेशियों की वीर्य से नर शुक्राणुओं को अलग कर लिया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि अब मादा बछिया का ही प्रसव होगा. इस सीमेन की मदद से नर बछड़े के जन्म को रोकना मुख्य मकसद है. इस तकनीक का उपयोग गायों के लिए किया जाता है क्योंकि भैसे का मूल्य बैल से कहीं ज्यादा होता है.
उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग के अपर निदेशक गोधन डॉ. राजेश कुमार ने किसान तक को बताया सेक्स सॉर्टेड सीमेन की कीमत काफी ज्यादा होती है. वहीं सरकार इसे सब्सिडी देकर किसानों को सस्ता उपलब्ध कराने की कोशिश करती है. प्रदेश में अब तक 300 रुपये प्रति खुराक की कीमत निर्धारित थी, जिसे एक अप्रैल से उत्तर प्रदेश सरकार ने 100 रुपये कर दिया है. इससे प्रदेश में बछिया के पैदा होने की संख्या में बढ़ोतरी होगी. वहीं प्रदेश में श्वेत क्रांति के दिशा में सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today