प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे. काशीवासियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने 3900 करोड़ रुपये की 44 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. पीएम मोदी ने बनास डेयरी के पशुपालकों को 106 करोड़ रुपये की बोनस राशि हस्तांतरित की. उन्होंने इसे पशुपालकों की मेहनत का पुरस्कार बताया और कहा कि ये कोई उपहार नहीं, बल्कि आपकी तपस्या का फल है.
बनास डेयरी ने काशी में हजारों परिवारों की आर्थिक स्थिति को बदला है, खासकर महिलाओं को सशक्त बनाकर. पीएम ने कहा कि पूर्वांचल की अनेक बहनें अब लखपति दीदी बन चुकी हैं. पहले गुजारे की चिंता थी, अब उनके कदम खुशहाली की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, जिसमें पिछले 10 वर्षों में 65 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. बनास डेयरी काशी संकुल 1 लाख किसानों से दूध संग्रह कर रहा है और गीर गायों का वितरण कर पशुपालकों को सशक्त बना रहा है.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने रमेश कुमार, अनिल कुमार और छिद्दु को जीआई पंजीकृत प्रमाणपत्र सौंपे. उन्होंने बताया कि वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों के 30 से अधिक उत्पादों को जीआई टैग प्रदान किया गया है, जिनमें तबला, शहनाई, ठंडई, लाल भरुआ मिर्च, लाल पेड़ा और तिरंगा बर्फी शामिल हैं. पीएम मोदी ने कहा कि जीआई टैग केवल एक प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि हमारी मिट्टी की पहचान का पासपोर्ट है. ये काशी के हुनर को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाएगा.
उन्होंने यूपी को जीआई टैगिंग में देश में नंबर वन बताया और कहा कि यह स्थानीय कारीगरों और उत्पादकों के लिए गर्व का क्षण है. अपने संबोधन में उन्होंने बार-बार काशी के प्रति अपने गहरे लगाव को दोहराया। उन्होंने कहा कि ''काशी मेरी है और मैं काशी का हूं''.
प्रधानमंत्री मोदी ने मेड इन इंडिया की वैश्विक पहचान पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यूपी के उत्पाद अब ग्लोबल ब्रांड बन रहे हैं. जीआई टैग ने स्थानीय उत्पादों को नई बुलंदियों तक पहुंचाया है. यूपी देश में जीआई टैगिंग में पहले स्थान पर है. जौनपुर की इमरती, मथुरा की सांझी कला, पीलीभीत की बांसुरी और लखीमपुर खीरी की थारू जरदोजी जैसे उत्पादों को जीआई टैग मिला है. पीएम ने कहा कि यूपी की मिट्टी की खुशबू अब सरहदों के पार जाएगी.
इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी के विकास से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण परियोजना बनास डेयरी के माध्यम से यहां के अन्नदाता किसानों और पशुपालकों को जोड़ने का अभिनव कार्य हुआ है. उस कार्यक्रम के तहत उन पशुपालकों को बोनस भी आज प्रधानमंत्री के कर कमलों से प्रदान किया जा रहा है, जिन्होंने बनास डेयरी की काशी की इस इकाई से जुड़कर वैल्यू एडिशन के माध्यम से लाभांश अर्जित किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी की इन सभी योजनाओं को, चाहे वह पर्यटन से जुड़ी हों, शिक्षा से जुड़ी हों, स्वास्थ्य से जुड़ी हों, कनेक्टिविटी से जुड़ी हो या फिर अन्नदाता किसान और हस्तशिल्पियों से जुड़ी हों, इन सभी के लिए आपकी अपनी काशी में काशीवासियों की ओर से और प्रदेशवासियों की ओर से हृदय से आभार प्रकट करता हूं.
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