कानपुर के वैज्ञानिक ने किया बड़ा दावा, सर्दियों में बरसीम चारा खिलाने से गाय-भैंस रहेंगे तंदुरुस्त, जानें फायदे

कानपुर के वैज्ञानिक ने किया बड़ा दावा, सर्दियों में बरसीम चारा खिलाने से गाय-भैंस रहेंगे तंदुरुस्त, जानें फायदे

Animals Health Tips: बरसीम की बुआई के समय ही यदि इसके बीज के साथ जई और गोभी, सरसों के बीज मिलाकर बोया जाय तो इससे न केवल अधिक मात्रा मे हरा चारा प्राप्त होगा. बल्कि पशु को अफारा रोग की समस्या से छुटकारा भी मिलेगा और चारे की पौष्टिकता, पाचकता भी बढ़ जाएगी.

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कानपुर के वैज्ञानिक ने किया बड़ा दावा, सर्दियों में बरसीम चारा खिलाने से गाय-भैंस रहेंगे तंदुरुस्त, जानें फायदे चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के प्रोफेसर डॉ पीके उपाध्याय.

ग्रामीण क्षेत्रों में किसान खेती-किसानी के साथ-साथ आय के स्रोत के लिए सबसे ज्यादा पशुपालन पर ही निर्भर रहते हैं. पिछले कुछ दिनों से मौसम में तेजी से बदलाव हुआ है, जिससे दुधारू पशु बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. तापमान में गिरावट और दिन-रात के तापमान के अंतर के कारण पशुओं की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे उनका दूध उत्पादन घट सकता है. इस स्थिति में पशुपालकों को अपने पशुओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है. ऐसे में आइए एक्सपर्ट से जानते हैं पशुओं को इन बीमारियों से बचाने के कुछ टिप्स के बारे में.

किसानों के लिए एडवाइजरी

इस बीच चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के डेरी एवं पशुपालन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ पीके उपाध्याय ने किसानों को एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि बरसीम सर्दी के मौसम में पौष्टिक चारे का एक उत्तम स्त्रोत है. इसमें रेशे की मात्रा कम और प्रोटीन की औसत मात्रा 20 से 22 प्रतिशत होती है. इसके चारे की पाचन शक्ति 70 से 75 प्रतिशत होती है. इसके अतिरिक्त इसमें कैल्शियम और फॉस्फोरस भी काफी मात्रा में पाये जाते है, जिसके कारण दुधारू पशुओं को अलग से खली-दाना आदि देने की आवश्यकता कम पड़ती है.

बरसीम चारे का ज्यादा सेवन पशुओं के लिए नुकसान

उन्होंने बताया कि यह देखा गया है कि प्रथम कटाई के दौरान कम उपज मिलती है, परंतु दूसरी और तीसरी कटाई के समय सबसे अधिक उपज मिलती है. किसान बरसीम उपलब्धता के कारण पशुओं को अधिक खिला देते हैं और नुकसान उठाते हैं. बरसीम अधिक खाने से पशुओं में अफारा रोग हो जाता है. इसलिए सूखे चारे के साथ मिलाकर खिलाएं या पहले सूखा चारा फिर बरसीम खिलाएं. बरसीम की बुआई के समय ही यदि इसके बीज के साथ जई और गोभी, सरसों के बीज मिलाकर बोया जाय तो इससे न केवल अधिक मात्रा मे हरा चारा प्राप्त होगा. बल्कि पशु को अफारा रोग की समस्या से छुटकारा भी मिलेगा और चारे की पौष्टिकता, पाचकता भी बढ़ जाएगी.

पशुओं के स्वास्थ्य पर मौसम का असर?

रात के समय तापमान में गिरावट को देखते हुए डॉ पीके उपाध्याय ने सुझाव दिया है कि पशुओं को रात 10 बजे के बाद शेड में बांधना चाहिए. शेड साफ और वेंटिलेशन युक्त होना चाहिए ताकि पशु ठंड से बच सकें. साथ ही, उन्हें गर्म पानी और पौष्टिक भोजन देने की सलाह दी गई है, ताकि उनके स्वास्थ्य पर मौसम का असर न हो. पशुपालकों को सलाह दी गई है कि पशुओं को दिन में धूप में रखा जाए, जिससे उनके शरीर को गर्मी मिले और उनकी सेहत में सुधार हो सके. वहीं, रात में ओस से बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखना जरूरी है.

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