Green Fodder: सर्दियों में चारे की टेंशन खत्म, बरसीम बनेगा आपका हरा सोना!

Green Fodder: सर्दियों में चारे की टेंशन खत्म, बरसीम बनेगा आपका हरा सोना!

सर्दियों में हरे चारे की कमी को दूर करने के लिए बरसीम खेती सबसे बेहतर विकल्प है. यह पौष्टिक चारा दुधारू पशुओं की सेहत सुधारता है, दूध उत्पादन बढ़ाता है और मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाता है. जानें बरसीम को हरा सोना क्यों कहा जाता है और इसे कैसे उगाया जाए.

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Green Fodder: सर्दियों में चारे की टेंशन खत्म, बरसीम बनेगा आपका हरा सोना!पशुओं के लिए हरा और सस्ता चारा

सर्दियों के आते ही खेतों में हरा चारा कम मिलने लगता है. ठंड और सूखे मौसम की वजह से घास-पत्ती ठीक तरह नहीं उग पाती. जब गाय, भैंस और बकरियों को हरा चारा नहीं मिल पाता, तो उनका दूध भी कम हो जाता है. लेकिन अगर किसान इस मौसम में बरसीम उगाते हैं, तो पूरे सर्दियों भर उन्हें ताज़ा और हरा चारा मिल सकता है. इससे पशु तंदुरुस्त रहते हैं और उनका दूध भी बढ़ता है.

बरसीम को हरा सोना क्यों कहा जाता है?

बरसीम को हरा सोना इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह बहुत पौष्टिक होता है. इसमें लगभग 20 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जो पशुओं की सेहत और दूध बढ़ाने के लिए जरूरी है. बरसीम खाने से पशुओं का पाचन तंत्र मजबूत होता है और दूध में मलाई भी बढ़ती है. इसकी खास बात यह है कि एक बार बोने पर इसे 5 से 7 बार तक काटा जा सकता है. पहली कटाई बुवाई के 55 से 60 दिन बाद की जाती है और फिर हर 25 से 30 दिन में नई कटाई मिल जाती है. इस तरह बरसीम महीनों तक लगातार हरा चारा देता है.

बरसीम कैसे उगाएं?

बरसीम की खेती करना बहुत आसान है. इसे दोमट मिट्टी में उगाना सबसे अच्छा माना जाता है, जहाँ पानी आसानी से निकल सके. किसान इसे अक्टूबर से दिसंबर के बीच बोते हैं. एक एकड़ खेत में लगभग 20 से 25 किलो बीज काफी होता है. बुवाई से पहले खेत में गोबर की खाद डालकर मिट्टी को नरम और भुरभुरी बना लेना चाहिए. बरसीम को बहुत ज्यादा पानी नहीं चाहिए. पहली सिंचाई बुवाई के 4 से 5 दिन बाद की जाती है, फिर हर 10 से 12 दिन में पानी देना होता है. कीटों से बचाने के लिए नीम के पानी या गोमूत्र से बनी दवा का छिड़काव किया जा सकता है, जो फसल को सुरक्षित रखता है और मिट्टी को नुकसान भी नहीं पहुँचाता.

बरसीम से मिट्टी की ताकत भी बढ़ती है

बरसीम सिर्फ चारा नहीं देता, बल्कि मिट्टी को भी मजबूत बनाता है. यह हवा की नाइट्रोजन को जमीन में बांधता है, जिससे मिट्टी उपजाऊ बनती है. इस वजह से अगली फसल भी अच्छी होती है. किसानों को इससे दोहरा लाभ मिलता है- पशुओं के लिए अच्छा चारा और खेत के लिए अच्छी मिट्टी.

बरसीम है सर्दियों का सबसे अच्छा चारा

कुल मिलाकर बरसीम उगाना किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है. इससे पशुओं को हरा और पौष्टिक चारा मिलता है, दूध बढ़ता है, मिट्टी की ताकत बढ़ती है और किसानों का खर्च भी कम होता है. इसी कारण बरसीम को सर्दियों का हरा सोना कहा जाता है.

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