सड़क पर जातीं गाय. प्रतीकात्मक फोटोगाय-भैंस द्वारा पॉलिथीन खाने की परेशानी दिन-बा-दिन बड़ी होती जा रही है. अब ये परेशानी किसी एक शहर या राज्य की नहीं रही है. आज ज्यादातर पशुपालक इसके चलते परेशान हैं. क्योंकि इसका सीधा असर दूध उत्पादन पर पड़ता है. इससे सबसे ज्यादा गाय प्रभावित हैं. आपका पशु पॉलिथीन खाता है या नहीं, ये कैसे पता किया जाए. अगर खाता है तो उसका इलाज कैसे किया जाए. हालांकि इस बारे में एनिमल एक्सपर्ट के कई सुझाव हैं. लेकिन जरूरत है कि उन्हें गाय-भैंस की देखभाल के दौरान अपनाया जाए. जिससे नुकसान कम से कम हो.
इतना ही नहीं अगर किसी गाय के बारे में ये पता हो कि उसके पेट में पॉलीथिन है तो उसका भी घर पर ही इलाज कर पॉलिथीन को निकाला जा सकता है. आजकल सड़क किनारे और मोहल्ले में कूड़े के ढेर पर यहां-वहां पड़ी पॉलीथिन पशुओं के लिए जानलेवा बन गई हैं. क्योंकि पॉलिथीन में खाने की कुछ न कुछ चीज लिपटी हुई होती है, इसलिए गाय उसे पॉलिथीन समेत खा लेती है.
शहर में पॉलिथीन का इस्तेमाल रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं.
कूड़ा, सब्जी और बचा हुआ खाना पॉलीथिन में बांधकर बाहर नहीं फेंकें.
पशुओं को उम्र और वजन के हिसाब से मिनरल्स जरूर खिलाएं.
पेट में पॉलीथिन ज्यादा हो तो रूमिनाटॉमी ऑपरेशन भी करवा सकते हैं.
एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक बहुत सी गायों के पेट में पॉलिथीन के बड़ी-बड़ी गांठ जमा हो जाती हैं. एक साथ इस गांठ को सिर्फ ऑपरेशन से ही निकाला जा सकता है. लेकिन घर पर बनाए घोल से धीरे-धीरे गांठ को गाय के पेट से निकाला जा सकता है. दवाई के असर से गांठ खुल जाती है और जब पशु जुगाली करता है तो ये एक-एक करके बाहर आ जाती है.
100 ग्राम सरसों का तेल.
100 ग्राम तिल का तेल.
100 ग्राम नीम का तेल.
100 ग्राम अरण्डी का तेल.
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