scorecardresearch
Goat Farming: बकरी पालने का प्लान कर रहे हैं तो सरकार भी देगी मदद, जानें कैसे 

Goat Farming: बकरी पालने का प्लान कर रहे हैं तो सरकार भी देगी मदद, जानें कैसे 

एक खास योजना के तहत आप एक बकरी पर पांच मुर्गी भी पाल सकते हैं. सीआईआरजी ने एक एकड़ के हिसाब से प्लान को तैयार किया है. इस प्लान के तहत आप बकरियों संग मुर्गी पालने के साथ ही बकरियों की मेंगनी से कम्पोस्ट भी बना सकते हैं. इस कम्पोस्ट का इस्तेमाल बकरियों का खास चारा अजोला उगाने में भी कर सकते हैं. 

advertisement
खुले में चरती जमनापारी बकरियां. फोटो क्रेडिट-किसान तक खुले में चरती जमनापारी बकरियां. फोटो क्रेडिट-किसान तक

आप युवा हैं और किसी नए रोजगार की तलाश में हैं तो केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा की यह योजना आपके लिए ही है. यह कोई जरूरी नहीं है कि बकरी पालन करने के लिए 20-25 लाख रुपये ही खर्च किए जाएं. इससे आधी से भी कम लागत पर मुनाफे वाला बकरी पालन संभव है. जरूरत है सिर्फ साइंटीफिक तरीके से बकरियों को पाला जाए. इसके लिए सीआईआरजी ट्रेनिंग भी देती है. बाजार के अवसरों के बारे में भी बताती है. केन्द्र सरकार भी लाइव स्टॉक मिशन के तहत आर्थिक मदद कर रही है.  

सीआईआरजी के साइंटिस्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ के मुताबिक इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम (आईएफएस) से बकरी और मुर्गों को साथ पालकर भी बकरी पालन को और मुनाफे वाला बनाया जा सकता है. सिस्ट्म के तहत एक ऐसा शेड तैयार किया जाता है जिसमे बकरी और मुर्गियां बराबर में साथ-साथ रहती हैं. जैसे ही बकरियां सुबह चरने के लिए चली जाती हैं तो जाली में लगा एक छोटी सा गेट खोल दिया जाता है. गेट खुलते ही मुर्गियां बकरियों की जगह पर आ जाती हैं. यहां जमीन पर या लोहे के बने स्टॉल में बकरियों का बचा हुआ चारा जिसे अब बकरियां नहीं खाएंगी पड़ा होता है. इसे मुर्गियां बड़े ही चाव से खाती हैं.

इसे भी पढ़ें: Goat Milk: दूध के लिए पाली जाने वालीं बकरियों की नस्ल और उनकी कीमत, पढ़ें पूरी डिटेल 

100 बकरी और बकरों से ऐसे शुरू कर सकते हैं गोट फार्म 

सीआईआरजी के डायरेक्टर मनीष कुमार चेतली ने किसान तक को बताया कि बकरी पालन का सबसे छोटा प्लान 100 बकरियों का है. 100 से कम बकरियों के प्लान पर एनएलएम के तहत मदद नहीं मिलती है. अगर मदद नहीं लेनी है तो फ‍िर 25-50 बकरियों से भी गोट फार्म शुरू किया जा सकता है. 50 बकरी और दो बकरे का प्लान भी खासा फायदेमंद है. 100 बकरी के गोट फार्म पर 20 लाख रुपये की सब्सिडी केन्द्र सरकार देती है. अध‍िकत्तम 500 बकरी के गोट फार्म पर केन्द्र सरकार सहायता देती है.

हालांकि कोई शुरुआती अनुभव लेने और नुकसान से बचने के लिए 10 बकरियों से भी शुरू कर सकता है. लेकिन 50 बकरियों का प्लान कुछ इस तरह से है कि 50 बकरियों के साथ ही दो बकरे पाले जाएंगे. बकरियों के शेड के लिए कोई बहुत ज्यादा तैयारी करने की जरूरत नहीं है. इस बात का ख्याल रखें कि जहां बकरी रखी जाएंगी वो जगह जमीन से थोड़ी ऊंची हो. हर छह महीने पर उस जगह की मिट्टी को बदल दिया जाए.

इसे भी पढ़ें: World Goat Day: ‘दूध नहीं दवाई है’ तो क्या इसलिए बढ़ रहा है बकरी के दूध का उत्पादन 

पुरानी मिट्टी खेत में डाल दी जाए और नई मिट्टी बकरियों के शेड में भर दी जाए. ऐसा करने से बकरियों को कई तरह की बीमारी से बचाया जा सकता है. अगर मुनाफे की बात करें तो एक साल में एक बकरी पर 5.5 हजार रुपये से लेकर छह हजार रुपये प्रति बकरी मुनाफा होगा. बकरी पालन के लिए लाइव स्टॉक मिशन योजना के तहत आप लोन भी ले सकते हैं.