देश में बकरी पालन तेजी से बढ़ रहा है. बकरी पालन के लिए लोन लेने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत लोने के लिए सबसे ज्यादा आवेदन बकरी पालकों के ही आ रहे हैं. खुद केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भी बकरी पालन को बढ़ावा दे रहा है. हाल ही में मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है. पोस्ट में महाराष्ट्र के संबंध में बकरियों की तीन खास नस्ल के बारे में जानकारी दी है. ये तीन खास नस्ल हैं सिरोही, उस्मानाबादी और संगमनेरी.
गोट एक्सपर्ट की मानें तो तीनों ही नस्ल की बकरे-बकरी का पालन मीट के लिए किया जाता है. सिरोही वैसे तो राजस्थान की नस्ल है. लेकिन महाराष्ट्र में भी इसका पालन अच्छे से हो जाता है. महाराष्ट्र में इनके मीट की बहुत डिमांड है. इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान भी इनकी खासी डिमांड रहती है.
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बकरे-बकरी का रंग भूरा और सफेद मिक्स होता है.
शरीर पर बाल मोटे और छोटे होती हैं.
बकरे और बकरी दोनों का ही शरीर मध्यम आकार का होता है.
पूंछ मुड़ी हुई है और मोटे नुकीले बाल वाली होती है.
सींग छोटे और नुकीले, ऊपर और पीछे की ओर मुड़े हुए होते हैं.
बकरे का औसत वजन 50 और बकरी का 23 किलोग्राम तक होता है.
जन्म के समय मेमने का औसत वजन दो किलोग्राम तक होता है.
इस नस्ल की बकरी साल में एक बार जुड़वां बच्चे देती है.
बकरी पहला बच्चा 19 साल की उम्र में देती है.
बकरी का दुग्ध काल 175 दिन का होता है.
अपने दुग्ध काल में बकरी 71 लीटर तक दूध देती है.
उस्मानाबादी नस्ल मुख्य रूप से महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के लातूर, तुलजापुर और उदगीर इलाकों में पाली जाती हैं. बकरियां आकार में बड़ी होती हैं. अगर कलर की बात करें तो 73 फीसद बकरे-बकरी पूरी तरह से काले रंग के होते हैं. वहीं 27 फीसद सफेद और भूरे रंग के होते हैं. इस खास नस्ल के बकरे-बकरी को दूध और मीट दोनों के लिए ही पाला जाता है. इस नस्ल की बकरी का दुग्ध काल चार महीने का होता है. बकरी हर रोज 500 ग्राम से लेकर डेढ़ लीटर तक दूध देती है. बकरी साल में दो बार दो-दो बच्चे देती है. बकरे में से ड्रेस किया हुआ 45 से 50 किलो तक मीट निकल आता है.
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संगमनेरी नस्ल आमतौर पर महाराष्ट्र के पूना और अहमदनगर जिलों में पाई जाती है. इस नस्ल में मध्यम आकार के बकरे-बकरी होते हैं. संगमनेरी बकरे-बकरी का कोई एक समान रंग नहीं होता है, यह सफेद, काले या भूरे रंग के अलावा अन्य रंगों के धब्बों के साथ भी पाए जाते हैं. कान नीचे की ओर झुके हुए हैं. बकरे-बकरी दोनों के सींग पीछे और ऊपर की ओर होते हैं. संगमनेरी नस्ल की बकरी दिनभर में 500 से लेकर एक लीटर तक दूध देती है. बकरी का कुल दुग्ध काल 165 दिन का होता है.
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