Fish pond Water in Rainy Season बरसात के दिनों में मछलियों के तालाब के पानी की अनदेखी बड़ा नुकसान पहुंचाती है. बरसात के दिनों में तालाब का पानी प्रदूषित हो जाता है. प्रदूषित पानी से मछलियों में कई तरह की बीमारी हो जाती हैं. पानी में कई ऐसे जीव-जन्तु पैदा हो जाते हैं जो मछलियों को नुकसान पहुंचाते हैं. पानी में प्रदूषण बढ़ने से ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. तालाब के पानी में आक्सीजन की कमी होते ही मछलियां मरने लगती हैं. अगर मछलियों के तालाब में पानी की हैल्थ अच्छी नहीं है तो मछलियों की ग्रोथ न होने के साथ ही उनकी हैल्थ भी सही नहीं रहेगी.
फिशरीज एक्सपर्ट की मानें तो मछली पालन में पानी और धूप का बहुत खास संबंध है. इसलिए तालाब के पानी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए जरूरी है कि पानी पर सूरज की सीधी धूप पड़े. क्योंकि तालाब के पानी पर पड़ने वाली सूरज की सीधी धूप एक खास तरह के प्रदूषण को पनपने नहीं देती है. यही वजह है कि मछली पालन का मुनाफा तालाब के पानी को साफ रखने के लिए कितने उपाय अपनाए जा रहे हैं इस बात पर निर्भर करता है.
फिशरीज एक्सपर्ट नहार सिंह का कहना है कि मछली पालन के लिए तैयार किए गए टैंक या तालाब खुले में ऐसी जगह होने चाहिए जहां सूरज की सीधी धूप पड़ती हो. ऐसा होने से पानी में सीप और घोंघे आदि जीव-जन्तु नहीं पनपते हैं. बरसात के दौरान मछलियों को मांसाहारी जीव-जन्तु से बचाने के लिए तालाब में जाल का इस्तेमाल करें. एक्सपर्ट की सलाह पर पानी में दवा का छिड़काव करते रहें.
बरसात के दौरान पानी में प्रदूषण होने लगता है. यही वजह है कि मॉनसून के दौरान तालाब के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम होना एक सामान्य बात है. लेकिन और दूसरे मौसम में भी पानी में प्रदूषण बढ़ता है तो पानी में आक्सीजन कम होने से मछली पालक को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. ऑक्सीजन की कमी के चलते मछलियां मरने लगती हैं. इसलिए समय-समय पर उपकरण की मदद से पानी का ऑक्सीजन और पीएच लेवल जांच लेना चाहिए. अगर ऑक्सीजन की कमी ज्यादा है तो मशीनों की मदद से ऑक्सीजन पानी में छोड़ी जानी चाहिए.
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