Silage for Rainy Season बरसात के मौसम में हरे चारे की कोई कमी नहीं होती है. खेत में, खुले मैदान में और यहां तक की जगलों में भी हरा चारा भरपूर होता है. बावजूद इसके पशुपालक बरसात के दिनों में चारे की कमी को लेकर सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं. इसकी बड़ी वजह ये है कि बरसात के दिनों का हरा चारा सीधे पशुओं को नहीं खिलाया जा सकता है. क्योंकि बरसाती हरे चारे में नमी बहुत ज्यादा होती है.
इसीलिए एनिमल एक्सपर्ट पशुपालकों को खासतौर पर बरसात के लिए साइलेज बनाने की सलाह देते हैं. साइलेज के लिए भी खास तीन तरह की चारा फसलों का ही साइलेज बनाने की बात कही जाती है. फोडर एक्सपर्ट के मुताबिक अगर बरसात का मौसम शुरू होने से पहले कुछ जरूरी उपाय अपना लिए जाएं तो दुधारू पशु बरसात के दिनों में भी भरपेट हरा चारा खा सकते हैं.
फोडर एक्सपर्ट का कहना है कि बरसीम, ओट और चरी पतले तने वाली चारे की फसल हैं. इन्हें आसानी से सुखाकर स्टोर किया जा सकता है. लेकिन किसी भी चारे की फसल को स्टोर करते वक्त इस बात का भी खास ख्याल रखें कि स्टोर किए जा रहे चारे की मात्रा उतनी ही हो कि चारे की आने वाली नई फसल तक स्टोर किया गया चारा खत्म हो जाए.
फोडर एक्सपर्ट के मुताबिक हरा चारा स्टोर करने के लिए हमेशा पतले तने वाली फसल का चुनाव करें. क्योंकि पतले तने वाली फसल जल्दी सूखेगी. कई बार ज्यादा लम्बे वक्त तक सुखाने के चलते भी चारे में फंगस की शिकायत आने लगती है.जिस चारे को स्टोर करना है उसे पकने से कुछ दिन पहले ही काट लें. इसके बाद उसे धूप में सुखाने रख दें. लेकिन चारे को सुखाने के लिए कभी भी उसे जमीन पर डालकर न सुखाएं. चारा सुखाने के लिए जमीन से कुछ ऊंचाई पर जाली वगैरह रखकर उसके ऊपर चारे को डाल दें.
इसे लटका कर भी सुखाया जा सकता है. क्योंकि जमीन पर डालने से चारे पर मिट्टी लगने का खतरा रहेगा जो फंगस आदि की वजह बन सकती है. जब चारे में 15 से 18 फीसद के आसपास नमी रह जाए, यानि चारे का तना टूटने लगे तो उसे सूखी जगह पर रख दें. इस बात का ख्याल रहे कि अगर चारे में नमी ज्यादा रह गई तो उसमे फंगस आदि लग जाएंगे और चारा खराब हो जाएगा. इतना ही नहीं इस खराब चारे को गलती से भी पशु ने खा लिया तो वो बीमार हो जाएगा.
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