Animal Care: मॉनसून में जानलेवा हो जाती है गाय-भैंस की ये दो बड़ी बीमारी, पढ़ें कैसे करें इलाज

Animal Care: मॉनसून में जानलेवा हो जाती है गाय-भैंस की ये दो बड़ी बीमारी, पढ़ें कैसे करें इलाज

Animal Care in Monsoon एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक गाय-भैंस हो या उनका छोटा बच्चा, किसी की भी छोटी-बड़ी बीमारी में लापरवाही बरतते हुए उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए. कोई भी छोटी बीमारी बड़ी हो सकती है. इसी तरह जेर न गिरने और योनि इंफेक्शन से पशुओं को बचाने के लिए जरूरी उपायों का पालन करना चाहिए.  

Advertisement
Animal Care: मॉनसून में जानलेवा हो जाती है गाय-भैंस की ये दो बड़ी बीमारी, पढ़ें कैसे करें इलाजगर्मी में कई बीमारियों की चपेट में आ सकती है गाय (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Animal Care in Monsoon वैसे तो साल के 12 महीने गाय-भैंस पर कोई न कोई छोटी-बड़ी बीमारियां अटैक करती ही रहती हैं. बहुत सारी मौसमी बीमारी भी पशुओं को चपेट में लेती हैं. लेकिन जरूरत इस बात की है कि बीमारियों से अलर्ट रहते हुए ऐहतियात बरती जाए. अलर्ट रहना इसलिए भी जरूरी है कि पशु के बीमार होते ही उसका उत्पादन घट जाता है और लागत बढ़ जाती है. जुलाई से मॉनसून की शुरुआत हो जाएगी. ये वो वक्त है जब सबसे ज्यादा संक्रमण वाली बीमारियां पशुओं को होती हैं. बच्चा देने के बाद जेर न गिरने पर संक्रमण का खतरा और योनि में इंफेक्शन जैसी परेशानियां मॉनसून के दौरान बड़ी बीमारी का रूप ले लेती हैं. छोटे बच्चे को निमोनिया होने का खतरा भी बना रहता है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो बहुत सारे पशुपालक जुलाई में गाय-भैंस से बच्चा लेते हैं. 

यही वजह है कि प्रजनन के दौरान बरसात में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए जरूरी है कि बच्चा देने से पहले और बच्चा देने के बाद गाय-भैंस और उसके बच्चे की देखभाल का पूरा ख्याल रखा जाए. इस‍के लिए पशुपालन विभाग वक्त-वक्त पर एडवाइजरी भी जारी करता है. और अगर खासतौर पर जेर न गिरने और योनि के इंफेक्शन के इलाज की बात करें तो पशुओं के बाड़े में घर पर मौजूद कुछ चीजों से पशु चिकित्सों की सलाह पर किया जा सकता है. 

जेर न गिरने का घर पर ऐसे करें इलाज 

गाय के प्रसव के बाद जेर पांच घंटे में गिर जानी चाहिए. अगर ऐसा न हो तो गाय दूध भी नहीं देती. अगर ऐसा हो तो फौरन ही पशुओं के डॉक्टर से सलाह लेकर जेर से जुड़े उपाय अपनाने चाहिए. इसके साथ ही पशु के पिछले भाग को गर्म पानी से धोना चाहिए. और ख्यासल रहे कि किसी भी हाल में जेर को ना तो हाथ लगाएं और ना ही जेर को खींचने की कोशिश करनी चाहिए.

योनि इंफेक्शन होने पर ऐसे करें इलाज 

योनि में इंफेक्श न तब बनता है जब बच्चा देने के बाद गाय की जेर आधी शरीर के अंदर और आधी बाहर लटक जाती है. ऐसा होनेपर गाय के शरीर का तापमान बढ़ जाता है और योनि मार्ग से बदबू आने लगती है. इसके साथ ही पशु की योनि से तरल पदार्थ रिसने लगता है. इस स्थिति में पशु चिकित्सक की निगरानी में गाय के उस हिस्सेस को गुनगुने पानी में डिटॉल और पोटाश मिलाकर साफ करना चाहिए. 

निमोनिया होने पर अपनाएं ये उपाय

किसी भी पशु को निमोनिया बहुत परेशान करता है. डॉक्टरों की मानें तो पानी में बहुत ज्यालदा देर तक भीगने की वजह से निमोनिया होता है. निमोनिया होने पर गाय का तापमान बढ़ जाता है, सांस लेने में दिक्कत होती है और उसकी नाक बहने लगती है. गाय में ये लक्षण दिखने पर उबलते पानी में तारपीन का तेल डालकर उसकी भांप पशु को सुंघानी चाहिए. इसके साथ ही पशु के पंजार में सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करनी चाहिए. गाय को सर्दी के मौसम में निमोनिया से बचाने के लिए उसके शेड में गर्मी करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- Animal Feed: दुधारू पशु खरीदते वक्त और गाभि‍न पशु की खुराक में अपनाएं ये टिप्स 

ये भी पढ़ें-  Milk Production: 2033 तक हर साल भारत को चाहिए होगा इतने करोड़ लीटर दूध, अभी है बहुत पीछे

POST A COMMENT