Pond Care in Flood-Rainy Season अगर तालाब का पानी साफ और प्रदूषण फ्री है तो ये मछलियों के लिए अमृत जैसा होता है. क्योंकि मछलियों की ग्रोथ और उन्हें बीमारियों से दूर रखने के लिए जरूरी होता है कि तालाब का पानी साफ रहे. लेकिन अक्सर बरसात और बाढ़ के चलते तालाब का पानी प्रदूषित होने का डर बना रहता है. कई बार तो बाढ़ इतना विकराल रूप ले लेती हैं कि पूरा का पूरा तालाब ही बाढ़ के पानी में डूब जाता है और मछलियां बह जाती हैं. इसलिए तालाब के पानी को प्रदूषित होने से बचाना बहुत जरूरी हो जाता है. प्रदूषित पानी से मछली में कई तरह की बीमारी हो जाती हैं.
पानी में कई ऐसे जीव-जन्तु पैदा हो जाते हैं जो मछलियों को नुकसान पहुंचाते हैं. पानी में प्रदूषण बढ़ने से ऑक्सीजन की कमी भी होने लगती है. बारिश के पानी से तालाब में अक्सर संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. ये वो संक्रमण होता है जो एक बार तालाब में फैला तो फिर एक-एक कर सभी मछलियों को अपनी चपेट में ले लेता है.
बरसात के दौरान पानी में प्रदूषण होने लगता है. यही वजह है कि मॉनसून के दौरान तालाब के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम होना एक सामान्य बात है. लेकिन बड़ी बात यह है कि इसके चलते मछली पालक को कई बार बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. ऑक्सीजन की कमी के चलते मछलियां मरने लगती हैं. इसलिए समय-समय पर उपकरण की मदद से पानी का ऑक्सीजन और पीएच लेवल जांच लेना चाहिए. अगर ऑक्सीजन की कमी ज्यादा है तो मशीनों की मदद से ऑक्सीजन पानी में छोड़ी जानी चाहिए.
मछली पालक एमडी खान का कहना है कि गर्मी और सर्दी में तालाब और टैंक के पानी का खासतौर पर ख्याल रखा जाता है. अगर सर्दी है तो तालाब और टैंक के पानी को ज्यादा ठंडा न होने दें. सुबह-शाम मोटर चलाकर ताजा पानी को मिलाकर तालाब के पानी को सामान्य कर दें. इसी तरह से गर्मी में ताजा पानी चलाकर उसकी गर्महाट को कम कर दें. इसके लिए तालाब के पास पानी की बड़ी मोटर का इंतजाम करके रखें.
ये भी पढ़ें-Egg Export: अमेरिका ने भारतीय अंडों पर उठाए गंभीर सवाल, कहा-इंसानों के खाने लायक नहीं...
ये भी पढ़ें-Milk Growth: दूध का फ्रॉड रोकने को गाय-भैंस के खरीदार करा रहे डोप टेस्ट, पढ़ें डिटेल
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today