हाईवे किनारे पशु आश्रय बनाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू, चारा-पानी के साथ मवेशी एंबुलेंस भी तैनात की जाएंगी

हाईवे किनारे पशु आश्रय बनाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू, चारा-पानी के साथ मवेशी एंबुलेंस भी तैनात की जाएंगी

हाईवे किनारे पशु आश्रय बनाने के साथ उनके रखरखाव के लिए एनएचएआई ने मेसर्स गवार कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया है. सोहना के खरखौदा बाईपास के पास आश्रय बनाया जाएगा. इसी तरह हांसी बाईपास, एनएच-21 के कीरतपुर-नेरचौक के पास और एनएच-112 पर जोधपुर रिंग रोड के डांगियावास से जजीवाल के पास आश्रयों स्थल बनाए जाएंगे. 

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हाईवे किनारे पशु आश्रय बनाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू, चारा-पानी के साथ मवेशी एंबुलेंस भी तैनात की जाएंगीराष्ट्रीय राजमार्गों पर पशु आश्रय स्थल बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू.

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने हाईवे के किनारे पशुओं के रहने के लिए आश्रय स्थलों बनाने के लिए प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. आश्रय स्थल पर ही पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधाएं भी दी जाएंगी और उनके लिए एंबुलेंस भी तैनात की जाएंगी. NHAI ने पशुओं से संबंधित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. पशु सुविधाओं को अलग-अलग राज्यों में भी लागू किया जाएगा. पशु आश्रय स्थलों बनाने और रखरखाव के लिए मेसर्स गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के साथ NHAI ने एमओयू साइन किया है. 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सड़क सुरक्षा को बढ़ाने, राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास आवारा पशुओं की चुनौती से निपटने के साथ ही राजमार्गों पर पशु संबंधी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर पशु आश्रय स्थल बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसका उद्देश्य यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा अनुभव के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास घूमने वाले आवारा पशुओं और जानवरों की देखभाल तथा प्रबंधन करना है.

इन जगहों पर बन रहे आश्रय स्थल 

पायलट प्रोजेक्ट के तहत आश्रय क्षेत्रों का क्षेत्रफल 0.21 से 2.29 हेक्टेयर तक होगा. आवारा पशुओं के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में आश्रयों को बनाया जाएगा, जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर उनकी उपस्थिति कम होगी. इस पहल को विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों पर लागू किया जाएगा. उत्तर प्रदेश-हरियाणा सीमा से रोहना खंड तक शामिल है. सोहना के खरखौदा बाईपास के साथ आश्रय बनाए जाएंगे. इसी तरह भिवानी-हांसी सेक्शन पर हांसी बाईपास, एनएच-21 के कीरतपुर-नेरचौक खंड तथा एनएच-112 पर जोधपुर रिंग रोड के डांगियावास से जजीवाल खंड पर आश्रयों स्थल बनाए जाएंगे. 

चिकित्सा, चारा-पानी की व्यवस्था होगी

पशु आश्रय बनाने के साथ उनके रखरखाव के लिए एनएचएआई ने मेसर्स गवार कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया है. आश्रय स्थल के लिए एनएचएआई जमीन उपलब्ध कराएगी और निजी कंपनी इसे बनाएगी. यह कंपनी प्राथमिक चिकित्सा, पर्याप्त चारा, पानी और देखभाल करने वालों की व्यवस्था करके इन आश्रयों का रखरखाव भी करेगी. इसके साथ ही घायल पशुओं उपचार और उन्हे ले जाने के लिए मवेशी एंबुलेंस भी तैनात की जाएंगी.

पशुओं की देखभाल के साथ सुरक्षा भी बढ़ेगी 

एनएचएआई के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवारा पशुओं से होने वाली चुनौतियों का समाधान करके यह अनूठी पहल लागू की जा रही है. इससे न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ाकर यात्रियों के लिए सुरक्षित राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि आवारा पशुओं की देखभाल की मानवीय जरूरत भी पूरी होगी. राष्ट्रीय राजमार्ग बिल्डर्स फेडरेशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र अग्रवाल ने कहा हम राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल विकसित करने के लिए एनएचएआई का स्वागत करता हूं. 

देशभर में यह प्रोजेक्ट लागू करने का प्रस्ताव 

गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के निदेशक रविंदर गावर ने कहा कि हमें राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल बनाने के इस अनूठे अवसर के लिए एनएचएआई के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है. हम अपनी सभी एनएच परियोजनाओं और यहां तक ​​कि देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे और अधिक आश्रय स्थल बनाने के लिए अन्य प्रोजेक्टों पर भी इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं.

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