अरुणाचल प्रदेश के पशुपालन मंत्री गेब्रियल डी. वांगसू ने शुक्रवार को सिविल सचिवालय में एक बैठक में पशुपालन विभाग से जुड़ें कामों की समीक्षा की. उन्होंने राज्य में पशुधन (गाय-भैंस) की घटती संख्या और दूध उत्पादन घटने पर चिंता जाहिर करते हुए विभाग के अधिकारियों से इस स्थिति में बदलने ईमानदारी से काम करने की हिदायत दी है. उन्होंने अफसरों से कहा कि मौजूदा स्थिति निराशाजनक है. राज्य में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में भारी गिरावट आई है. हमें इसे बदलने के लिए ईमानदारी से काम करना चाहिए.
मंत्री गेब्रियल डी. वांगसू पशु चिकित्सा और डेयरी विकास विभागों का प्रभार भी संभाल रहे हैं. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्री ने डेटा-ड्रिवेन डेवलपमेंट प्लान्स की जरूरत पर जोर दिया और अधिकारियों को पशुधन जनगणना और टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए सटीक आंकड़ें जुटाने के लिए कहा. यह बैठक मुख्य रूप से 21वीं पंचवर्षीय पशुधन जनगणना और खुरपका-मुंहपका रोग (एफएमडी) टीकाकरण के चौथे दौर की प्रगति की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई थी.
वांगसू ने सटीक आंकड़े जुटाने और समय पर रिपोर्टिंग की जरूरत बताते हुए जिला अधिकारियों से जनगणना और टीकाकरण कवरेज को कुशलतापूर्वक पूरा करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि सही आंकड़ों के बिना हम चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान नहीं कर सकते या जरूरी संसाधनों का बचाव नहीं कर सकते.
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मंत्री ने विभाग को डेयरी सहकारी समितियों (DCS) बनाने के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि हर नई विकास योजना की दक्षता और स्थिरता के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान से एक सीध में जोड़ने की जरूरत है. उन्होंने जनवरी के मध्य तक 100 प्रतिशत कवरेज हासिल करने के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP) के तहत टीकाकरण कार्यक्रमों का सख्ती से पालन करने के लिए भी कहा.
वांगसु ने सीरो-निगरानी और सीरो-मॉनिटरिंग के को लेकर जिला अधिकारियों से ICAR-NIVEDI (राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान और रोग सूचना विज्ञान संस्थान) द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करने लिए भी कहा है.
उन्होंने कहा कि पशुधन मालिकों के साथ मजबूत रिश्ते बनाना हमारे कार्यक्रमों की सफलता की कुंजी है. जिला पशु चिकित्सा अधिकारियों (डीवीओ) ने पशुधन जनगणना, एफएमडी टीकाकरण, रोग निगरानी और राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और आत्मनिर्भर पशु पालन योजना (एएनपीपीवाई) जैसे कार्यक्रमों पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की. उन्होंने जनशक्ति की कमी, रसद संबंधी मुद्दों और बुनियादी ढांचे की कमी जैसी चुनौतियों पर भी बात की. (पीटीआई)
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